नक्सल गढ़ के मेले में जमकर थिरके विधायक रेखचंद जैन

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  • आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के मुख्यमंत्री के प्रयासों से लोगों के चेहरे पर खुशी – रेखचंद
  • चंद मिनटों की थिरकन के बूते आदिवासियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गए विधायक जैन

बस्तर नक्सली हिंसा के मामले में संवेदनशील माने जाने वाले वनांचल क्षेत्र के गांवों में आयोजित मेले में पहुंचकर विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन आदिवासियों के संग झूम झूमकर नाचे। जैन की थिरकन देख लोग आश्चर्य चकित हो उठे। अपने विधायक को अपनी कला संस्कृति में ऐसे रचते बसते देख उनकी खुशी का पारावार नहीं रहा। अपनी कुछ मिनटों की थिरकन के बूते विधायक रेखचंद जैन आदिवासियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गए।

एक दौर था, जब नक्सली हिंसा से ग्रस्त बस्तर में लोग हंसना खिलखिलाना भी लगभग भूल चुके थे। अब वो दिन लद चुके हैं। अब तो नक्सल गढ़ में भी बस्तर की कला संस्कृति हिलोरें मारने लगी हैं। जनप्रतिनिधि भी धुर नक्सल प्रभावित गांवों में आदिवासियों के बीच पहुंच रहे हैं और उनकी कला संस्कृति और परंपराओं में सहचर बनने लगे हैं। जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन भी ऐसे ही जनप्रतिनिधि हैं, जो गाहे बगाहे अपने निर्वाचन क्षेत्र के अति संवेदनशील गांवों में बिंदास होकर पहुंच जाते हैं। जैन अपने क्षेत्र के लोगों के हर सुख दुख में सहचर बनते हैं। जैन को धुर नक्सल प्रभावित गांव कावापल और कोलेंग में आयोजित मेलों में शामिल होने के लिए दोनों गांवों के लोगों ने न्योता दिया था। जैन मेलों में शामिल होने पहुंच गए। ग्रामीणों ने उनका परंपरागत ढंग से भव्य स्वागत किया। जगदलपुर के विधायक तथा नगरीय प्रशासन एवं श्रम विभाग के संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर क्षेत्र के लोगों की सुख शांति समृद्धि की कामना की। इसके बाद आदिवासी नृत्य दलों के साथ मांदर की थाप पर जमकर झूमते रहे सहज, सरल, सुलभ विधायक को अपने बीच पाकर हर्षित ग्रामीणों ने कहा विधायक हो तो ऐसा। ग्रामीणों के साथ ताल से ताल मिलाकर संसदीय सचिव रेखचंद जैन काफी देर तक नाचते झूमते रहे। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी, माता मावली, माता जलनी एवं माता परदेसिन के जयघोष से पूरा वनांचल गूंज उठा था। इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप आज सूदूरवर्ती संवेदनशील वनांचल क्षेत्र के लोगों के चेहरों पर भी खुशी की लहर देखने को मिल रही है। मेला मड़ई हमारी आस्था और लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। हमें अपनी समृद्ध कला संस्कृति और परंपराओं को आने वाली पीढ़ी के हवाले करना है।हमारी सरकार ने देव गुड़ियों एवं माता गुड़ियों के जीर्णोद्धार, संरक्षण एवं संवर्धन का जो कार्य किया है, उसके फलस्वरूप आज गांव – गांव में देव गुड़ियों का निर्माण हुआ है। इस अवसर पर विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन के साथ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य नीलूराम बघेल, जनपद सदस्य धनसिंग बघेल, सरपंच कमलोचन नाग, अरुण सेठिया, सरपंच माहंगू राम, जनपद सदस्य मानू नाग, सरपंच रतन बघेल, सरपंच समधू राम बघेल, रामसिंग, जगदलपुर नगर निगम के पार्षद सूर्या पाणी, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री गौरनाथ नाग, पत्रकार संतोष सिंह, विधि विभाग के जिलाध्यक्ष अवधेश झा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।