ईशर गौरा महापर्व पर दिखी गोंड़ आदिवासी संस्कृति की शानदार झलक

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  •  ध्रुव गोंड़ समाज ने धूमधाम से मनाया महापर्व

जगदलपुर दक्षिण बस्तर परिक्षेत्र आदिवासी ध्रुव गोंड समाज जगदलपुर द्वारा पथरागुड़ा में पांच दिवसीय ईशर गौरा महापर्व का भव्य आयोजन किया गया। समाज के लोगों के आपसी सहयोग से यह कार्यक्रम सफल रहा। समाज की महिलाओं का योगदान काबिले तारीफ था।

पांच दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन शाम को महिलाओं की टोली घर घर जाकर सुवा गीत गाकर नाचती थीं। बदले में उन्हें चावल, पैसा, फल आदि उपहार स्वरूप भेट किए जाते रहे। रात में गौरा चौरा में महिलाएं एकत्र होकर गौरा गीत गाती हुई भगवान ईशर गौरा को जगाती रहीं और फिर उन्हें सुलाती भी थीं। यह कार्यक्रम प्रत्येक दिन चलता रहा। अमावस्या के दिन ईशर गौरा की मूर्ति बनाने ढोल बाजे के साथ लोगों ने कुवांरी मिट्टी लाई। उस मिट्टी से इशर गौरा की मूर्ति बनाकर शाम को परघावन का कार्यक्रम किया गया। रात में समाज के हर घर की महिलाएं और युवतियां अपने सिर पर कलश लेकर निकलीं और घर घर पहुंची। सभी घरों से कलश लेकर अंत में ईशर गौरा गौरी के प्रतिमा स्थल पर सभी लोग पहुंचे। साथ में देवी देवता नाचते कूदते आगे- आगे चलते रहे। ईशर गौरा की पूजा अर्चना कर युवतियां अपने सिर पर रखकर बारात की शक्ल में निकलीं। युवकों की टोली आगे आगे बम पटाखों से उनका स्वागत करते हुए चलती रही। रातभर यह कार्यक्रम चलता रहा। दूसरे दिन विसर्जन का कार्यक्रम और महाभंडारा का आयोजन हुआ।