सीआरपीएफ ने किया बस अड्डे के गैराज और डिपो पर अवैध कब्ज़ा

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  • औचित्यहीन होकर रह गया है जगदलपुर का बस स्थानक
  • तत्कालीन कलेक्टर के आदेश की सरेआम हो रही है अवहेलना
  • बस ऑपरेटरों और वाहन मालिकों को हो रही है बड़ी परेशानी


जगदलपुर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ ) ने नगर के बस स्टैंड स्थित डिपो और गैराज पर कब्ज़ा जमा लिया है. इसके चलते बस ऑपेरटेरों तथा अन्य वाहन मालिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व कलेक्टर रजत बंसल ने सीआरपीएफ अधिकारियों को बस स्टैंड का डिपो और गैराज खाली करने का आदेश दिया था, जिस पर ना तो सीआरपीएफ के अफसरों ने ध्यान दिया और ना ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अब तक कोई पहल की है.


नक्सली समस्या को देखते हुए बस्तर संभाग में सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. सीआरपीएफ की एक यूनिट को अस्थायी तौर पर रुकने के लिए नगर के बस स्टैंड कैम्पस में बने डिपो और गैराज में जगह दी गई थी. कुछ माह के भीतर इस यूनिट को बकावंड ब्लॉक के मसगांव में शिफ्ट कर दिए जाने की बात कही गई थी. सालों बीत जाने के बाद भी सीआरपीएफ बस स्टैंड के डिपो और गैराज में ही डेरा जमाए हुए है. वाहनों की मरम्मत का कार्य गैराज में होना चाहिए, लेकिन मरम्मत के लिए पहुंचे वाहनों को बसों के खड़े होने की जगह पर खड़ा किया जा रहा है. इससे बस स्टैंड परिसर में अव्यवस्था के हालात बन गए हैं. वहां बसों और दीगर वाहनों का ऐसा रेलमपेल मचा रहता है कि कुछ पूछो मत. बस स्टैंड का स्वरूप ही बिगड़ गया है.
बस स्टैंड में फैली अव्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने सीआरपीएफ के अधिकारीयों को डिपो और गैराज खाली कर अपनी यूनिट को जल्द से जल्द मसगांव में शिफ्ट कर लेने की हिदायत दी थी. कलेक्टर श्री बंसल का तबादला हो गया और इसी के साथ उनका आदेश भी कहीं गुम हो गया लगता है. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने अपनी यूनिट को कहीं और शिफ्ट करने की पहल ही नहीं की. वहीं जिला प्रशासन तथा जगदलपुर नगर निगम प्रशासन के अधिकारियों ने भी कलेक्टर के आदेश के परिपालन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. नतीजतन बस स्टैंड का औचित्य समाप्त सा हो गया है. बस्तर की जनता को सीआरपीएफ अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण बस स्टैंड का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वाहन मालिकों का कहना है कि बस स्टैंड परिसर में मज़बूरीवश वाहन खड़े करना पड़ता है. इसके कारण उन्हें आएदिन निगम प्रशासन व जिला प्रशासन का कोपभाजन बनना पड़ता है