- नवरात्री नवमी के अवसर में जस गीत भजन में झूम उठे भक्तगण – वातावरण हुआ भक्तिमय
बकावण्ड:- नवरात्रि नवमी के अवसर पर पुरे बस्तर क्षेत्र में भक्तिमय का वातावरण छाई है| वंही इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रोगाम के माध्यम से भजन जस गीत का मधुर सुरमय संगीत का प्रस्तुति हो रही है|वहीं आपको बता दे कि बस्तर जिले के अंतर्गत बकावंड ब्लाक के ग्राम पंचायत उलनार में माँ भद्रकाली देवी मंदिर में नवरात्रि के नवमी में भक्तो का उमड़ा जन सैलाब और जस गीत भजन में झूम उठे भक्तगण – वातावरण हुआ भक्तिमय।
वंही नवरात्रि के नवमी दिन में विधि विधान से पूजापाठ कर व हवन कार्यक्रम किया गया| नव कन्याओं को श्रृंगार कर कन्याओं को भोग कराया गया,इन दिनों में पुरे क्षेत्र में भक्तिमय का वातावरण देखने को मिला |
इस मंदिर के पुजारी तुलसी राम बघेल ने कहा- “सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी ,२…कोई तेरा पार न पाया हो माता, मै आरती गाऊं मैया तोरी”
इस भद्रकाली देवी माँ की अद्भुत अनेक रूपों वाली आदि शक्तिशाली दयानिधि करुणामयी मैयां भवानी की निराली अपरंपार है| इस मंदिर में मुख्य द्वार सामने में शिवलिंग विराजमान है और माँ भद्रकाली व् दंतेश्वरी माता विराजमान है मेरे में कोई चमत्कारी नही है माताजी का देन है दरह्सल कई वर्षो से पूजा करते आया हूँ इस देवी माँ के प्रति अटूट विश्वास रहा है मुझ पर इसी विश्वास और उमीद के साथ आज श्रध्दा पूर्वक पूजा करते आ रहा हूँ यहाँ जो भी दुखियारी अपने मुरादे लेकर आते है उनके लिये भक्ति भाव से प्रार्थना कर चढ़ाया हुआ फूल या चांवल को भी जब जब दिया हूँ किसी वरदान से कम नहीं रहा है वह हर किसी का मंहते पूरा होते दिखा है वह ठीक होते भी दिखे है ऐसा ही माता रानी की महिमा है |साथ ही साथ इस मंदिर के लिये जमीन दान में दिया के०डी०सिंह भारती का इस मंदिर के साथ साथ हमेशा सुनहरे अक्षरों में उल्लेख किया जायेगा और सदियों तक याद व नाम आदरपूर्वक इस मंदिर के भक्तगण हमेशा लेते रहेंगें।
इस अवसर में क्षेत्र के ज्यौतधारी श्रद्धालुओं व भक्तगण एवं माँ भद्रकाली देवी मंदिर के युवा भक्तगण ने बड़ी संख्याओं में उपस्थित होकर नवरात्रि के नवमी का हर्षोल्लास के साथ विधि विधान से भंडारा कर समापन किया गया।