बस्तर में भी है एक राजघाट

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धरोहर: गोल बाजार में दबा है बापू का भस्म कलश हेमंत कश्यप,

जगदलपुर वर्ष 1948 में महात्मा गांधी की शहादत के बाद उनके चिता की राख कलशों में भर लोगों के दर्शनार्थ देश के विभिन्न हिस्सों में भिजवाया गया था। ऐसा ही एक भस्म कलश 74 साल पहले बस्तर जिला मुख्यालय के जगदलपुर लाया गया था। यह कलश गोल बाजार में वर्ष 1948 से जमीन गड़ा है। लोग इसे बस्तर का राजघाट कहते हैं। पहले गांधीवादियों ने यहां झंडाचौरा बनवाया था। अब इस ऐतिहासिक महत्व को नई पहचान देने ही जिला प्रशासन ने महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई है।जगदलपुर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.बिलखनारायण अग्रवाल फरवरी 1948 के पहले सप्ताह में यह भस्म कलश दिल्ली से जगदलपुर लाए थे। यह कलश शहर मध्य गोल बाजार लोगों के दर्शनार्थ रखा गया था। जनदर्शन के बाद इसे इंद्रावती नदी में विसर्जित नहीं किया गया। पुष्पांजलि पश्चात एक गड्ढा खोदकर ससम्मान यहीं दबाकर ऊपर झंडाचौरा बना दिया गया।
महात्मा गांधी का यह भस्म कलश 74 वर्षों से गोल बाजार में झंडा चौरा के नीचे दबा हुआ है। यह विडंबना ही है कि बस्तर की 90 फीसदी आबादी अपने ही नगर के महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक स्थल से अनभिज्ञ है।
वर्ष 1998- 99 में तत्कालीन कलेक्टर प्रवीर कृष्ण ने उक्त स्थल को संरक्षित कर अहाता निर्माण कर गांधी उद्यान बनवाया था। बीते 30 वर्षों से स्थानीय गांधीवादी इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान देने तथा गांधी स्मारक के रूप में विकसित करने की मांग करते आ रहे थे। गोल बाजार स्थित गांधी उद्यान में महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इस प्रतिमा का अनावरण 17 अक्टूबर 2021 की शाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। इस ऐतिहासिक स्थल को छत्तीसगढ़ का राजघाट बनाने के उद्देश्य से कई कार्य योजनाएं प्रस्तावित हैं।
गांधी जयंती, स्वतंत्रता दिवस तथा 30 जनवरी शहीद दिवस पर माता रुख्मिणी सेवा संस्थान डीमरापाल के संस्थापक पद्मश्री धर्मपाल सैनी, आश्रम की छात्राएं व कई गांधीवादी यहां पहुंचते हैं। उक्त स्थल की सामूहिक रुप से साफ- सफाई कर झंडाचौरा में बापू को पुष्पांजलि अर्पित कर शांति पाठ और भजन करते हैं। गांधीवादियों का यह क्रम विगत 74 वर्षों से निरंतर जारी है। गांधी जयंती के अवसर पर रविवार की सुबह संस्थान के बच्चे तथा शिक्षक सबसे पहले शहीद स्मारक पहुंचे। यहां शहीदो को श्रद्धांजलि और गांधी प्रतिमा में माल्यार्पण के बाद गोल बाजार स्थित गांधी चौरा में पुष्पांजलि अर्पित कर गांधीजी का प्रिय भजन गाया।
भारत में बस दो जगह
पद्मश्री धर्मपाल सैनी बताते हैं कि भारत में सिर्फ दो स्थान ही ऐसे हैं जहाँ पर बापू का भस्म कलश अभी भी जमीन में दबा हुआ है। एक जगदलपुर के गोल बाजार में तथा दूसरा मध्यप्रदेश के धार जिला में नर्मदा किनारे धर्मपुर नामक स्थान पर। धर्मपुरवासी भी उक्त स्थल को राजघाट ही कहते हैं।