डीईओ बस्तर के खिलाफ गांवों के छात्र – छात्राओं ने खोला मोर्चा

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  • नारायणपुर विधायक के पास गुहार लगाने पहुंचे सैकड़ों विद्यार्थी
  • मनमाने ताबदले के चलते बिना शिक्षक के हो गईं हैं अनेक शालाएं

जगदलपुर.जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर द्वारा नियम विरुद्ध किए गए शिक्षक – शिक्षिकाओं के ताबदले के दुष्परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं. रुपयों की उगाही के चक्कर में एक और दो शिक्षकीय शालाओं को भी नहीं बख्शा गया. ऐसी शालाओं के शिक्षकों को भी दूसरी शालाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है. नतीजतन अनेक शालाएं अब पूरी तरह से शिक्षक विहीन हो गईं हैं. जिला शिक्षा अधिकारी के ऐसे तुगलकी फरमान के विरोध में विद्यार्थी अब सड़क पर उतरने लगे हैं. सोमवार को बस्तर विकासखंड के कई गांवों के विद्यार्थी अचानक सड़क पर उतर आए.हाल ही में बस्तर जिले की प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं के 12 सौ शिक्षक – शिक्षिकाओं को पदोन्नत कर प्रधान पाठक बनाया गया. इन पदोन्नत शिक्षक शिक्षिकाओं को उनकी पूर्व शालाओं से हटाकर अन्य शालाओं में पदस्थ किया गया है. जिले में ऐसे दर्जनों स्कूल हैं, जहां के एक से अधिक शिक्षक पदोन्नत किए गए हैं. ऐसी ही पदोन्नति एक व दो शिक्षकीय शालाओं के भी शिक्षक शिक्षिकाओं को मिली है. नियमानुसार पदोन्नत शिक्षकों को उसी शाला में पदस्थ रखना चाहिए था, जहां वे सेवारत रहे हैं. मगर जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसा नहीं किया. वहीं पदोन्नति के चलते शिक्षक विहीन हो चली शालाओं में नए स्थानों से स्थानांतरित कर शिक्षकों की नियुक्ति करने की जरूरत भी जिला शिक्षा अधिकारी ने नहीं समझी. बताते हैं कि पदोन्नति तथा पदोन्नत शिक्षक शिक्षिकाओं की उनकी पसंदीदा शालाओं में पदस्थापना और ताबदले के नाम पर शिक्षक शिक्षिकाओं से जमकर उगाही की गई है. इसी फेर में शिक्षक विहीन तथा एकल व दो शिक्षकीय शालाओं के भी शिक्षकों का तबादला आंख मुंदकर कर दिया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि जिले की पचासों शालाएं अब शिक्षक विहीन हो गईं हैं. बस्तर विकासखंड और बकावंड विकासखंड की शिक्षक विहीन हो चली अनेक शालाओं की जानकारी सामने आ चुकी है. इन शालाओं में पढ़ाई ठप पड़ गई है, विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय होने लगा है. विद्यार्थियों और पालकों का आक्रोश फूटकर बाहर आने लगा है. इस संवाददाता ने आक्रोश के हालात के बारे में पहले ही प्रशासन को आगाह कर दिया था. इसी कड़ी मेंनारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित बस्तर विकासखंड के चेराकुर, गोंदिया, पालकांवड़ तथा अन्य अनेक गांवों के सैकड़ों विद्यार्थी सोमवार को सड़क पर उतर आए. ये छात्र छात्राएं नारेबाजी करते हुए नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप को अपनी व्यथा सुनाने और ज्ञापन सौंपने श्री कश्यप के गृहग्राम करंडोला पहुंचे थे. विधायक से छात्र छात्राओं की मुलाक़ात नहीं हो पाई, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में मतदान करने के लिए विधायक रायपुर रवाना हो चुके थे. विद्यार्थियों ने विधायक के कार्यालय में मौजूद लोगों को ज्ञापन दिया. खबर है कि इन सभी गांवों के विद्यार्थी जल्द ही चक्काजाम जैसा बड़ा आंदोलन भी कर सकते हैं. *बीईओ विहीन है दफ़्तर*बस्तर विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था बिन नाविक के नाव की तरह हो गई है. बिन मांझी के नाव किनारे पहुंच ही नहीं सकती, उसका डूबना तय रहता है. इसी तरह बस्तर विकासखंड में शिक्षा विभाग की नैया डूबती जा रही है. बस्तर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल को बीजापुर जिले का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया है. इसके कारण बस्तर बीईओ कार्यालय अधिकारी विहीन हो गया है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी का पद खाली रहने से बस्तर ब्लॉक में शालाओं के संचालन की व्यवस्था गड़बड़ा गई है. अधिकारी के ना रहने से शिक्षक विहीन शालाओं की न तो जानकारी संकलित की जा पा रही है और न ही ऐसी शालाओं में शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सक रही है. विकासखंड स्तर पर ऐसी व्यवस्था करने का अधिकार बी ईओ को ही रहता है.