हताहतों की सुध लेने की फुरसत नहीं मिली जनप्रतिनिधियों को

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  • इतना बड़ा हादसा हो गया और चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे नेतागण
  • मालगांव में पसरा है मातम, गांव के छह लोगों की चली गई है जान अर्जुन झा

बकावंड विकासखंड बकावंड के मालगांव में भीषण दुर्घटना हो गई। छुई खदान धंसने से गांव की पांच महिलाओं समेत छह लोगों की जान चली गई और दो लोग घायल हो गए।इतनी बड़ी विपदा के बाद भी बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधियों को इतनी भी फुरसत नहीं मिली कि वे हताहतों की सुध ले सकें, शोकमग्न परिवारों का दुख साझा कर सकें और घायलों की हालत जान सकें। मालगांव में मातम पसरा हुआ है और मौजूदा एवं पूर्व जनप्रतिनिधि भानुप्रतापपुर क्षेत्र में लोगों से वोटों की भीख मांगते फिरते रहे।

शुक्रवार को दोपहर मालगांव स्थित छुई खदान के धसक जाने से छः जानें चली गईं। यह गांव जगदलपुर से महज दस किमी दूर स्थित है और अमूमन हर जनप्रतिनिधि का निवास इस शहर या आसपास के गांव में ही स्थित है। बावजूद न तो कांग्रेसी जनप्रतिनिधि इस गांव में पहुंचे और ना ही भाजपा के। दोनों दलों के सारे नेता भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उप चुनाव में अपने – अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जनसंपर्क करने में व्यस्त रहे। हादसे में मारे गए लोग भी मतदाता थे। उनके दिए वोटों से कोई विधायक बना होगा, तो कोई सांसद, लेकिन उनके वोटों की कद्र किसी भी जनप्रतिनिधि ने नहीं की। क्योंकि अब वो सारे लोग वोटर लिस्ट बाहर जो हो जाएंगे। इन जनप्रतिनिधियों के पास लग्जरी गाड़ियां और सुरक्षा दस्ते भी हैं। वे चाहते तो भानुप्रतापपुर से मालगांव तक का सफर ढाई – तीन घंटे में तय कर दुखी परिवारों के बीच पहुंच सकते थे। शायद संवेदना मर चुकी है लोगों की। इंसान की जान से ज्यादा कीमती इंसान द्वारा दिए जाने वाला वोट हो गई है। जनप्रतिनिधि भले ही मौके पर नहीं पहुंचे, मगर पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने घटना स्थल पर पहुंचने तथा हताहतों की सेवा में जो तत्परता दिखाई, वह बेशक काबिले तारीफ है।