जीपीएफ की रकम लगा दी अपने शिष्यों की भलाई के लिए

0
265
  • विद्यार्थियों का भविष्य संवारने का जूनून सवार है शिक्षक चन्द्रवंशी में
  • शाला को चमका डाला, बना दिया बस्तर जिले का नंबर – 1 स्कूल
  • ग्रामीण शाला के बच्चों को मिल रहा है स्मार्ट एजुकेशन का लाभ

(अर्जुन झा)

जगदलपुर बकावंड विकासखंड जगदलपुर में एक शिक्षक में अपने विद्यार्थियों का भविष्य संवारने का जूनून इस कदर सवार है कि अपनी शाला के बच्चों की भलाई के लिए उन्होंने अपनी जमापूंजी खर्च कर दी और अपनी बाईक तक को बेच दिया। स्कूल भले ही टीन शेड वाले कमरे में लगता है, मगर वहां पढ़ाई स्मार्ट तकनीक से होती है। रिजल्ट हमेशा शत प्रतिशत रहता है। इन्हीं वजहों से यह शाला बस्तर जिले का नंबर – 1 प्रायमरी स्कूल का तमगा हासिल कर चुकी है।जगदलपुर से महज 7 किमी दूर स्थित बड़ेपारा कुरंदी की सरकारी प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक सुरेश कुमार चंद्रवंशी ने गुरु की गुरुता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस शाला में सन 2008 में जब चंद्रवंशी इस शाला में पदस्थ हुए, तब गोठान में स्थित टपरे वाले स्कूल भवन की न तो चारदीवारी थी, ना ही बच्चों के खेलने के लिए मैदान।

बच्चों की सुरक्षा उन्होंने अपने खर्चे से स्कूल के चारों ओर तारों की बाड़ लगवाई और ग्रामीणों से आधा एकड़ जमीन प्राप्त कर उस पर खेल मैदान बनवाया। सन 2012 में खेल मैदान और स्कूल भवन के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए शासन से 4 लाख 52 हजार रुपए स्वीकृत हुए। कार्य आरंभ कराने के लिए स्वीकृत राशि में से 2 लाख 26 हजार रु. आवंटित हुए। कार्य आरंभ कराने के बाद शेष रकम मिली ही नहीं और बाउंड्रीवाल का काम अधूरा रह गया। अंततः शेष रकम मिली ही नहीं। ऐसे में शिक्षक सुरेश चंद्रवंशी ने अपने जीपीएफ खाते से 70 हजार रु. निकालकर कार्य पूर्ण कराया। ठेकेदार को उसकी बकाया रकम का भुगतान करने के लिए उन्होंने अपनी मोटर साइकिल बेच दी और स्वयं साइकिल से आना जाना करते रहे। शिक्षक ने ग्रामीणों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से तथा अपने खर्चे पर स्कूल को अच्छे सजा संवार दिया है। प्रधान पाठक कक्ष, स्कूल के भीतरी और बाहरी हिस्सों पर आकर्षक एवं शिक्षाप्रद पेंटिंग कराई गई है। बच्चों व स्टॉफ के पीने के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कर ली गई है। शाला में लगे नलों से बच्चे पानी पीते हैं। नल वाली दीवार पर पानी बचाने के संदेश लिखे गए हैं। बाउंड्रीवाल पर भी शिक्षा का महत्व बताने वाले स्लोगन लिखे गए हैं। कैम्पस में आकर्षक बगीचा तैयार किया गया है, जहां रंग बिरंगे फूल लोगों का दिल जीत लेते हैं। बगीचे में बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं। बच्चे और शिक्षक मिलकर पौधों की सिंचाई करते हैं। बच्चों को उम्दा मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। पढ़ाई का स्तर भी उत्कृष्ट है। शाला का परीक्षा परिणाम हर साल शत प्रतिशत रहता है। जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज, संकुल स्त्रोत समन्वयक भी स्कूल की तमाम व्यवस्थाओं तथा शैक्षणिक स्तर की सराहना कर चुके हैं।

मिल चुका है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

शिक्षक सुरेश चंद्रवंशी अनेक सम्मानों से विभूषित किए जा चुके हैं। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान कर चुका है। इसके अलावा नेशनल एंड स्टेट चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल, बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, इनरव्हील क्लब, कलेक्टर बस्तर तथा अन्य संगठन भी चंद्रवंशी को सम्मानित कर चुके हैं।

डीईओ – बीईओ का भी योगदान

बड़ेपारा कुरंदी की प्राथमिक शाला की तरक्की के लिए शिक्षक श्री चंद्रवंशी ने जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान और खंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज के योगदान को अहम बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इन दोनों अधिकारियों के साथ ही संकुल समन्वयक का भी सतत मार्गदर्शन मिलते रहता है। उनके सहयोग से ही बच्चों को सुविधाएं और उत्कृष्ट शिक्षा मिल पा रही है। ज्ञात हो कि श्रीमती प्रधान और श्री प्रधान अन्य शालाओं के शिक्षकों को बड़ेपारा कुरुंदी की शाला से प्रेरणा लेने की नसीहत अक्सर देते रहते हैं। इसके साथ ही वे समय निकालकर इस शाला का दौरा भी करते हैं।