- संसद में संवैधानिक मान्यता के लिए तेज हो गई है कवायद
- संसद में प्रस्ताव पारित होते ही मिल जाएगा अनुसूचित जाति का दर्जा
अर्जुन झा
बस्तर बस्तर के सांसद दीपक बैज के प्रयासों से महरा माहरा जाति को जल्द ही अनुसूचित जाति का दर्जा मिल जाएगा। इस मसले से जुड़े लगभग सभी चरणों की प्रक्रियाएं केंद्रीय स्तर पर पूरी हो चुकी हैं। सिर्फ अंतिम चरण की प्रक्रिया के तहत संसद में प्रस्ताव पारित कर इस जाति को अनुसूचित जाति का संवैधानिक दर्जा दिया जाना ही बाकी रह गया है। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में महरा, माहरा जाति के लोग बहुतायत में सदियों से निवासरत हैं। इस जाति के लोग अनुसूचित जाति की श्रेणी में आते हैं, लेकिन इस जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा अब तक नहीं मिल पाया है। इस समुदाय के लोग अनुसूचित जाति का दर्जा पाने के लिए वर्षों से संघर्षरत हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और बस्तर के संसद इस जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने लगातार गंभीरता के साथ पहल कर रहे हैं। सांसद श्री बैज की पहल पर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में माहरा महरा जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। कुछ दिनों पहले सांसद श्री बैज के नेतृत्व में माहरा महरा जाति के प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और भारत के महारजिस्ट्रार से मुलाकात की थी। श्री बैज ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, आयोग अध्यक्ष एवं महारजिस्ट्रार को इस जाति की पीड़ा और केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं तथा आरक्षण के लाभ से उनके वंचित रहने की जानकारी दी थी। केंद्रीय मंत्री, आयोग अध्यक्ष व महारजिस्ट्रार ने इस संबंध में जरूरी प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर मंजूरी के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को जल्द केंद्र सरकार के पास भेजने का भरोसा दिलाया था। ज्ञात हो कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर इन तीनों विभागों की सहमति जरूरी है।*बॉक्स**गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में*माहरा, महरा जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का सारा दारोमदार अब केंद्र सरकार पर टिका हुआ है। हाल ही में सांसद श्री बैज को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार का एक आधिकारिक पत्र प्राप्त हुआ है। इस पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार के प्रस्ताव को नियमानुसार परीक्षण एवं विचार के बाद अनुसूचित जाति आयोग, महारजिस्ट्रार और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की सहमति मिल गई है। अब प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 341 (2) के तहत संसद के समक्ष विचारार्थ एवं एक विधेयक के रूप में स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि संसद में राज्य सरकार का यह प्रस्ताव जल्द स्वीकृति मिल जाएगी।*वर्सन – फोटो के साथ लगाएं**समुदाय को अब मिलेगी राहत*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने और केंद्र सरकार ने महरा माहरा जाति के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुझे पूरा भरोसा है कि संसद में भी इस समुदाय को अनुसूचित जाति का संवैधानिक दर्जा जल्द मिल जाएगा।