अवैध वसूली के फेर में खनिज विभाग के कर्मचारी का ड्रामा

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  • कर्मचारी को बचाने माईनिंग इंस्पेक्टर पहुंचे थाने, मेडिकल कराने से रोका

जगदलपुर खनिज विभाग के उडऩदस्ता दल का एक कर्मचारी शराब के नशे में धुत्त होकर खनिज लदे वाहनों की चेकिंग करते हुए अवैध वसूली को अंजाम देता रहा। इसी चक्कर में वह एक वाहन का पीछा करते हुए ट्रक मालिक के घर जा पहुंचा और खुद पुलिस के चक्कर में फंस गया। हालांकि धुत्त कर्मचारी को खनिज विभाग का एक निरीक्षक बचाने थाने पहुंच गया। अंततः खनिज निरीक्षक अपने कर्मचारी का बिना डॉक्टरी मुलाहिजा कराए उसे थाने से बचा ले जाने में सफल हो गए, लेकिन तब तक इस ड्रामे के चर्चे आम हो गए।जानकारी के मुताबिक तीन फरवरी की रात बोधघाट चौक पर खनिज विभाग की उड़नदस्ता टीम का एक कर्मचारी नशे में धुत्त होकर वाहनों की चेकिंग कर रहा था जांच। जांच के दौरान पिट पास दिखाने के बाद भी उक्त कर्मचारी लेनदेन के मसले पर वाहन चालकों से विवाद करता रहा। इसी बीच ओड़िशा पासिंग रेत लदा एक वाहन बोधघाट चौक से गुजरा।कर्मचारी इस वाहन का पीछा करते हुए वाहन मालिक के घर पहुंच गया और रकम की मांग करने लगा। वाहन मालिक के साथ विवाद होने पर मामला थाने तक जा पहुंचा। वाहन मालिक ने उक्त कर्मचारी पर शराब के नशे में धुत्त होने का आरोप लगाते हुए उसकी मेडिकल जांच कराने की मांग करता रहा। देर रात एक माईनिंग इंस्पेक्टर थाना पहुंच गया और पुलिस को मेडिकल जांच कराने से रोकने लगा। अंततः देर रात उक्त कर्मचारी को देर रात थाने से छोड़ दिया गया। ज्ञातव्य हो कि वाहन क्रमांक ओआर 23 डी 6784 ओड़िशा से रेत लेकर 3 फरवरी की रात जगदलपुर आ रहा था। वाहन का पिट पास का बुक क्रमांक 10775 है और नियमानुसार रेत की रायल्टी अदा कर वाहन मालिक रेत को अपने घर ला रहा था। बोधघाट चौक के पास उक्त वाहन को रोकने वाले व्यक्ति ने खुद को खनिज विभाग के उड़नदस्ता दल का कर्मचारी बताकर पिट पास की मांग करने लगा। वाहन चालक ने पिट पास दिखाया और वाहन को अपने गंतव्य पर ले जाकर खड़ा कर दिया।

रकम के लिए जा पहुंचा घर

वाहन मालिक ने बताया कि उक्त कर्मचारी वाहन का पीछा करते हुए उसके घर आ पहुंचा और रेत का अवैध परिवहन करने की बात कहते हुए रकम की मांग करने लगा। वाहन मालिक ने बताया कि उक्त कर्मचारी शराब के नशे में धुत्त था और विवाद करने पर आमादा हो गया था। कर्मचारी की हरकतें जब असहनीय हो गईं, तब वाहन मालिक ने मामले की सूचना बोधघाट पुलिस को दी। कर्मचारी को थाना भी ले जाया गया, जहां वाहन मालिक ने उक्त कर्मचारी की मेडिकल जांच कराने तथा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की।

नाक कटी, तब माईनिंग इंस्पेक्टर आए सामने

जब मामले की जानकारी विभाग के माइनिंग इंस्पेक्टर को लगी और पता चला कि विभाग की नाक कट रही है, तो वे भी देर रात थाना पहुंच गए। माइनिंग इंस्पेक्टर कर्मचारी की मेडिकल जांच नहीं कराने का आग्रह करते हुए जांच कराने से रोकने की कोशिश करने लगे। अंततः घंटों चले ड्रामे के बाद माइनिंग इंस्पेक्टर अपने कर्मचारी को देर रात थाने से छुड़ाकर अपने साथ ले गए।

माइनिंग इंस्पेक्टर ने साधी चुप्पी

माईनिंग इंस्पेक्टर गुहा इस मामले में किसी तरह की सफाई देने से बचते हुए चुप्पी साधे रहे। यहां तक कि उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया। गुहा के उस सरकारी सेलफोन नंबर पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, जिस नंबर को जिला कलेक्टर ने खनिज के अवैध खनन, परिवहन एवं अवैध वसूली की शिकायत करने के लिए जारी किया है। गुहा से कथित कर्मचारी के नशे में धुत्त व अवैध वसूली में लिप्त रहने के संबंध में विभाग का पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन गुहा के सेलफोन पर कॉल तो जाता रहा, लेकिन उन्होंने फोन उठाने की जरूरत नहीं समझी। फोन कॉल रिसीव नहीं करने के कारण उनकी प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी ।