- मीडियाकर्मियों में आक्रोश, विरोध में बुलाई गई बैठक, करेंगे प्रदर्शन
कोंडागांव :- स्थानीय वन मंडल अधिकारी ने मीडिया के साथ ऐसा सलूक किया है कि मिडियाकर्मी भड़क उठे हैं। वनमंत्री बेशकीमती पेड़ों के जंगलों से आच्छादित इस जिले का कभी दौरा नहीं करते। नजीतन उनके विभाग के अधिकारी बेलगाम हो चले हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण कोंडागांव वन मंडल में देखने को मिला है। यहां के वन मंडल अधिकारी ने मीडिया के प्रति जो रुख अख्तियार किया है, वह मीडिया जगत का खुला अपमान है।वन मंडल अधिकारी के रवैये के विरोध में कोंडागांव जिले के पत्रकार प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।कोंडागांव वन मंडल के डीएफओ और उनके मातहत अधिकारियों ने गणतंत्र दिवस पर टीवी चैनलों और अखबारों में बधाई संदेश विज्ञापन न देने एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। यह कदम जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे पत्रकारों का अपमान है। सालभर वन विभाग की योजनाओं का प्रकाशन जिले के पत्रकार अपने अखबारों में करते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर अखबारों एवं न्यूज चैनलों के मालिक अपने रिपोर्टरों से विज्ञापन की अपेक्षा रखते हैं।कोंडागांव के वन मंडल अधिकारी ने 25 जनवरी को पर्चा अपने कार्यालय तथा मातहत अधिकारियों के दफ्तरों के सामने चस्पा करवा दिया है। इस पर्चे में डीएफओ के आदेश का हवाला देते हुए लिखा गया है कि विज्ञापन हेतु संपर्क न करें। इस आदेश के जरिए डीएफओ जता रहे हैं कि वे विज्ञापन का सहयोग नहीं करेंगे। पत्रकारों ने डीएफओ के इस कृत्य पर सवाल उठाया है कि क्या यह कृत्य उचित है ? ये सच है कि कोई भी विभाग रास्ट्रीय पर्व पर विज्ञापन देने बाध्य नहीं है, मगर इस तरह पर्चा चस्पा करवा कर पत्रकारों की भावनाओं को आहत करने की छूट भी किसी विभाग के अधिकारी को नहीं है। ऐसा करना निंदनीय है। इसके विरोध में कोंडागांव के पत्रकार जल्द विरोध प्रदर्शन करते हुए मामले को लेकर वन मंत्री के नाम कोंडागांव कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वाले हैं।इस मामले को लेकर कोंडागांव प्रेस एंड मीडिया फेडरेशन की बैठक भी आहूत की गई है।