देवगुड़ियों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में : रेखचंद जैन

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  • संसदीय सचिव ने आविप्रा अध्यक्ष लखेश्वर बघेल का जताया आभार
  • मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विकास के साथ आदिवासी संस्कृति को दिया जा रहा है बढ़ावा :- जैन

जगदलपुर संसदीय सचिव व जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने कहा है कि देवगुड़ियों का संरक्षण व संवर्धन तथा आदिवासी संस्कृति को पल्लवित करना और बढ़ावा देना भूपेश बघेल सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इस दिशा में सरकार द्वारा अतुलनीय कार्य किए जा रहे हैं।रविवार को जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के छह गांवों में देवगुड़ी संरक्षण व संवर्धन के लिए संबंधित ग्रामों के सरपंच, उप सरपंच, पंचों, सचिवों तथा ग्रामीणों को आवश्यक राशि के चेक सौंपते उन्होंने यह बात कही। जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांवों के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहने के साथ ही आदिवासी संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहे हैं और भरपूर बढ़ावा भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में गांवों में विकास के उतने कार्य हो रहे हैं, जिनकी भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। जैन ने अंचल के प्रमुख देवी- देवताओं की गुड़ियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए आवश्यक पहल करने एवं फंड उपलब्ध कराने हेतु बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण व इसके अध्यक्ष लखेश्वर बघेल का भी आभार माना।

छह देवगुड़ियों के लिए 26 लाख रुपए स्वीकृत

जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र की छह देवगुड़ियों का 26 लाख रुपयों से संरक्षण- संवर्धन होने की बात कही गई। जैन ने बताया कि अब तक सैकड़ों देवगुड़ियों का कायाकल्प करने के लिए राशि प्रदान की जा चुकी है। रविवार को जिन छह देवगुड़ियों के संरक्षण- संवर्धन के लिए चेक दिए गए, उनमें जामावाड़ा 1 की परदेशिन माता, मारकेल 1 की जलनी माता, मांझीगुड़ा की बामनदेई माता, तुसेल की हिंगलाजिन माता, टोन्डापाल की मावली माता तथा नेतानार की मातागुड़ी सम्मिलित हैं। इन सभी देवगुड़ियों के संरक्षण संवर्धन का कार्य जल्द आरंभ हो जाएगा।

ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बघेल ने सौंपा चेक

रविवार को चेक वितरण के समय तुसेल व टोंडापाल के पंचायत प्रतिनिधि नहीं पहुंच पाए थे। सोमवार को इन्हें विधायक रेखचंद जैन की ओर से कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष व जनपद सदस्य नीलूराम बघेल ने जगदलपुर स्थित विधायक कार्यालय में चेक सौंपा। इस दौरान सुनील दास, तुसेल के लखमूराम नागेश, रामनाथ बघेल, टोंडापाल के कमलू चालकी, जगदीश चालकी, उलनार के खगपति, शिबो पुजारी, मोहन आदि मौजूद थे।