- पांच साल में की गई कार्रवाइयों का ब्यौरा सरकार से मांगा बैज ने
- सरकार ने बताया कि पांच साल के भीतर दर्ज किए गए 3,497 मामले
बस्तर क्षेत्रीय सांसद दीपक बैज अडानी मामले और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन में घंटों व्यस्त रहने के बावजूद लोकसभा में सवाल उठाने में पीछे नहीं रहे। श्री बैज ने प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) की कार्रवाई का मुद्दा पुरजोर तरीके से लोकसभा में उठाया। उन्होंने सरकार से बीते पांच सालों के दौरान ईडी द्वारा की गई कार्रवाइयों का ब्यौरा मांगा। बैज के प्रश्न पर सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि पांच साल में ईडी ने कुल 3 हजार 497 मामले दर्ज किए हैं।
बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने अतारांकित प्रश्न के जरिए केंद्रीय वित्तमंत्री से पूछा कि बीते पांच वित्तीय वर्षों के दौरान धन शोधन और आर्थिक अपराधों के कुल कितने मामले दर्ज किए गए हैं और मामलों की राजयवार संख्या कितनी कितनी है? ईडी ने 25 मार्च 2023 तक पांच साल के दौरान ईडी द्वारा देश में शेल कंपनियों के विरुद्ध दर्ज मामलों की संख्या कितनी है और 20 मार्च 2023 तक विदेशी शेल कंपनियों के खिलाफ 5 साल में कितने मामले दर्ज किए गए हैं? बैज के इन सवालों के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने ब्यौरा प्रस्तुत किया। चौधरी ने बैज को जानकारी दी कि ईडी द्वारा धन शोधन के 2018 -19 में 195 मामले, 2019-20 में 562 मामले, 2020- 21 में 981 मामले, 2021- 22 में 1180 मामले और 2022- 23 में 28 मार्च तक 579 मामलों समेत कुल 3 हजार 497 मामले दर्ज किए गए हैं। वित्त राज्यमंत्री ने बताया की ईडी की जांच में अनेक भारतीय और विदेशी शेल कंपनियों की भूमिका भी धन शोधन के मामलों में सामने आई है। इन मामलों में फेमा और पीएमएलए के प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की गई है। वित्त राज्यमंत्री ने जनहित में और जांच में बाधा आने का हवाला देते हुए अन्य जानकारियों का खुलासा करने में असमर्थता जताई।