घोटिया समिति का घटिया ईमली फूल पहुंचा कोल्ड स्टोरेज में

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  • घोटिया समिति का घटिया ईमली फूल पहुंचा कोल्ड स्टोरेज में
  • व्यापारियों से अमानक स्तर की वनोपज लेकर खपाई जा रही है
  • गुणवत्ता जांच के नाम पर निभाई जा रही है महज औपचारिकता

जगदलपुर ईमली फूल खरीदी की आड़ में लघु वनोपज समितियां शासन को लाखों का चूना लगा रही हैं। जिला वनोपज सहकारी समिति की घोटिया इकाई ने भी कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। घोटिया समिति द्वारा घटिया स्तर के ईमली फूल की बड़ी मात्रा शासकीय कोल्ड स्टोरेज में भेज दी गई है। इसकी कीमत लाखों में बताई गई है। समिति के प्रबंधक अब ठीकरा प्रयोगशाला प्रभारी के सिर पर फोड़ने लगे हैं। छ्ग की भूपेश बघेल सरकार ने आदिवासियों और वनवासियों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए महुआ, ईमली, ईमली फूल तथा अन्य वनोपजों की खरीदी जिला सहकारी लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से शुरू कराई है। वनोपज सहकारी समितियों ने वनोपज खरीदी में भी अवैध कमाई की राह खोज निकाली है। घटिया स्तर की वनोपजों को शासन के कोल्ड स्टोरेज में भेजकर मोटी कमाई की जा रही है। ऐसा ही एक मामला लघु वनोपज सहकारी समिति घोटिया में सामने आया है। घोटिया समिति समेत कुछ अन्य समितियों के प्रबंधकों ने वनोपज खरीदी से जुड़े राजधानी के अफसरों से सीधा संपर्क बना लिया है। ये प्रबंधक स्थानीय अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार व अपनी मनमानी करते हुए शासन को लाखों की चपत लगा रहे हैं। घोटिया समिति द्वारा पिछले दिनों घटिया स्तर के कई क्विंटल ईमली फूल सरकारी कोल्ड स्टोरेज में खपा दिया गया। करोड़ों की अमानक स्तर वाली वनोपजों को वनोपज गोदामों में रखवा दिया गया है। इस कृत्य से शासन को करोड़ों की चपत लगाई गई है। अवैध कमाई की इस तरकीब से समिति प्रबंधकों एवं अधिकारियों की बल्ले- बल्ले हो रही है। अवैध कमाई का कुछ हिस्सा राजधानी के भी चंद अफसरों तक पहुंचता है। कुछ हिस्सा प्रबंधक के मामध्यम से तो कुछ हिस्सा बस्तर के वनोपज कारोबारियों के माध्यम से पहुंचता है। तो गोदामों में रखी अच्छी गुणवत्ता वाली वनोपज को गोदाम प्रभारी से सांठगांठ कर छंटाई कर ठिकाने लगाया चुका है। अमानक स्तर की ईमली सहित कुछ अन्य तरह की वनोपज गोदामों में रखी गई हैं। इन अमानक स्तर की वनोपजों को बेचने में अब विभाग को पसीने छूट रहे हैं।समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी को लेकर बस्तर वन मंडल के प्रबंधक एवं इससे जुड़े कई शासकीय सेवक शासन को प्रति वर्ष वनोपज खरीदी के नाम पर करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। वनोपज खरीदी में मनमानी को लेकर घोटिया समिति अक्सर सुर्खियों में रहती है, चाहे व इमली खरीदी हो या गिलोय व अन्य वनोपज। इस प्रबंधक द्वारा भेजी गई वनोपजों को वन विभाग के कोल्ड स्टोरेज और गोदामों में आसानी से स्वीकार कर लिया जाता है, चाहे वनोपज अमानक स्तर की ही क्यों न हो? सूत्र बताते हैं कि इस प्रबंधक का राजधानी में बैठे वनोपज खरीदी से जुड़े एक अधिकारी से सीधा संपर्क है। प्रबंधक के सामने स्थानीय अधिकारियों की एक भी नहीं चलती।

गिलोय खरीदी में भी हो चुका है फर्जीवाड़ा

वर्ष 2021 में गिलोय खरीदी में भारी घालमेल होने की खबर सामने आई है। इस मामले की जांच की जरूरत भी नहीं समझी गई। पिछले दिनों वाहन सीजी 17 -7142 से लगभग 300 फैकेट ईमली फूल पहुंचा था, जिसे पहली ही नजर में कई व्यापारियों ने अमानक स्तर का करार दे दिया। वहीं गोदाम प्रभारी ने बताया कि गुणवत्ता जांच रिपोर्ट के आधार पर कोल्ड स्टोरेज में वनोपज रखी जाती है। इसमें मेरा कुछ भी लेना देना नहीं है।

गुणवत्ता जांच महज खानापूर्ति

खरीदी गई वनोपजों की गुणवत्ता जांच के लिए कहने को तो प्रयोगशाला स्थापित की गई है, मगर वहां सिर्फ खानापूर्ति ही होती है। प्रयोगशाला में अनुभवी क्वालिटी इंस्पेक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। नतीजतन गुणवत्ता जांच महज औपचारिकता साबित हो रही है। इसका ताजा उदाहरण घोटिया समिति से कोल्ड स्टोरेज पहुंची घटिया स्तर के ईमली फूल की खेप है। जिला वनोपज सहकारी यूनियन के प्रबंधक, संचालक एवं वन मंडल अधिकारी बस्तर दुलेश्वर साहू से ईमली फूल की गुणवत्ता के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि गुणवत्ता जांच कराने के बाद ही वनोपजों को स्टोरेज में स्वीकार किया जाता है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि गुणवत्ता की बात करने पर प्रबंधक सुनते नहीं हैं। वहीं लैब प्रभारी ने कोल्ड स्टोरेज में पहुंचे ईमली फूल की गुणवत्ता के संबंध में अनिभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि फाईल देखकर बताया जा सकता है। लेकिन दो दिन बाद भी लैब प्रभारी जानकारी नहीं दे सके। घोटिया वनोपज सहकारी समिति प्रबंधक ने बताया कि बारिश होने के कारण इमली फूल की गुणवत्ता प्रभावित हुई है और सेंपल की जांच कराकर इमली फूल कोल्ड स्टोरेज में भेजा गया है अगर इमली फूल खराब होगा, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी लैब प्रभारी की बनती है।