नारायणपुर में कुछ बड़ा करने वाले हैं अबूझमाड़ के ग्रामीण

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  • आ रहे हैं तीर कमान और पारंपरिक हथियारों से लैस हजारों ग्रामीण
  • बैरिकेड्स लांघ शहर में घुसने को आतुर व आक्रामक लग रही भीड़

नारायणपुर तीर कमान और अन्य पारंपरिक हथियारों से लैस अबूझमाड़ क्षेत्र के हजारों ग्रामीण जिला मुख्यालय नारायणपुर में कुछ बड़ा करने वाले हैं। कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए ये ग्रामीण शहर के बिल्कुल करीब पहुंच चुके हैं।शहर में घुसने को उद्दत ये ग्रामीण बेहद आक्रामक नजर आ रहे हैं। अबूझमाड़ियों के आक्रामक तेवर ने जिला पुलिस की पेशानी पर बल ला दिए हैं। हालात से निपटने के लिए यहां भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। हजारों की संख्या में अबूझमाड़ के ग्रामीणों की भीड़ रैली के रूप में जिला मुख्यालय नारायणपुर की ओर तेजी से बढ़ रही है। जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर ग्राम बेलगांव में पुलिस द्वारा बेरिकेड्स लगाकर भीड़ को रोकने का प्रयास किया गया था,

लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। ग्रामीणों की भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ते हुए नारायणपुर की ओर कूच कर दिया है। ये ग्रामीण धनुष बाण, फरसा, कुल्हाड़ी तथा अन्य पारंपरिक हथियारों से लैस हैं और मांगें लिखी हुई तख्ती बैनर लिए हुए हैं। ग्रामीणों की भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। दर्जनों महिलाएं अपने दूधमुहे बच्चों को लेकर आ रही हैं। वे अपने साथ घरों से चावल, कोदो, कुटकी आदि रसद और भोजन बनाने के बर्तन भी लेकर आ रहे हैं। इससे लगता है कि वे लंबे समय तक नारायणपुर में बड़ा आंदोलन करने का फैसला करके आ रहे हैं।*बॉक्स**दो सौ दिनों से कर रहे थे आंदोलन* ये ग्रामीण तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम तोयामेटा में दो सौ दिनों से आंदोलन करते आ रहे हैं। यह आंदोलन अबूझमाड़ बचाओ संघ के बैनर तले चल रहा है। ग्रामीण पेसा कानून वापस लेने, अबूझमाड़ में नए पुलिस कैंप ना खोलने और वन संरक्षण अधिनियम 2022 में बदलाव करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। तोयामेटा में 200 दिनों तक आंदोलन करने के बाद भी जब प्रशासन का कोई अधिकारी आंदोलन स्थल पर नहीं पहुंचा और मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई, तब ग्रामीणों ने नारायणपुर कूच का फैसला किया।ग्रामीणों का कहना है हमने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला और पुलिस प्रशासन को मांगों का ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हम ज्ञापन दे – देकर थक चुके हैं। इसलिए अब हम जिला मुख्यालय जाकर कलेक्टर को आवेदन देंगे और मांगें पूरी नहीं की गईं तो नारायणपुर में ही आंदोलन जारी रखेंगे।