ईडी और सीबीआई के शिकंजे में आएंगे एफसीआई के अधिकारी

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  • राईस मिलर्स से चावल लेने के एवज में उगाही पर सरकार सख्त
  • राईस मिलर्स एसो. के कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर की शिकायत पर केंद्रीय खाद्य मंत्री ने की केंद्रीय एजेंसियों से जांच की सिफारिश

अर्जुन झा

जगदलपुर छत्तीसगढ़ में वर्षों से पदस्थ भारतीय खाद्य निगम के अनेक अधिकारी सीबीआई और ईडी की रडार पर आ गए हैं। छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिशन के धमतरी निवासी कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर द्वारा की गई शिकायत को केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की सिफारिश कर दी है।छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई ) के राज्य में पदस्थ अफसरों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर का कहना है कि एफसीआई के अधिकारी चावल बोरों की लॉट को स्वीकार करने के नाम पर राईस मिलर्स से जमकर रकम की वसूली कर रहे हैं। आरोप है कि रिश्वतखोरी की रकम से इन अधिकारियों ने करोड़ों की बेनामी संपत्ति बना ली है। रौशन चंद्राकर ने मामले की शिकायत केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय खाद्य सचिव, एफसीआई के सीएमडी, चीफ विजिलेंस ऑफिसर, विभागीय ईडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की है। उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में पदस्थ रिजनल ऑफिसर, सभी जिलों में पदस्थ प्रबंधक लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। ये अफसर पहले 29 मिट्रिक टन चावल की एक लॉट को निगम के गोदामों के लिए स्वीकार करने के एवज में राईस मिलर्स से 6 हजार रुपए बतौर रिश्वत लेते थे। इस वर्ष से इसे बढ़ाकर 7500 रु. प्रति लॉट कर दिया गया है। रिश्वत की रकम में डेढ़ हजार रु. प्रति लॉट बढ़ोत्तरी की जानकारी एफसीआई के अफसरों ने राईस मिलर्स की बैठक लेकर दी थी। बैठक में अफसरों ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री, खाद्य सचिव, सीएमडी तक रकम पहुंचाना पड़ती है, इसलिए निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने रकम बढ़ाने कहा है। रौशन चंद्राकर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वर्ष 2021-22 में एफसीआई ने कुल 3244615 मिट्रिक टन चावल मंजूर किया था और इसके एवज में रिश्वत के तौर पर कुल 76.13 करोड़ रुपए वसूले गए थे। वर्ष 2022 – 23 में अब तक 3319342 मिट्रिक टन चावल स्वीकार किया जा चुका है और इसके एवज में 85.85 करोड़ रु. वसूले गए हैं। शिकायत में आगे बताया गया है कि खाद्य निगम के अफसरों ने इस रिश्वतखोरी के चलते अरबों खरबों की संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम पर बना ली है। रौशन चंद्राकर का कहना है कि जो राईस मिलर्स रिश्वतखोरी का विरोध करते हैं, उनके चावल को तरह तरह की बहानेबाजी कर रिजेक्ट कर दिया जाता है और बिल अटका दिए जाते हैं। राईस मिलर्स पहले दबी जुबान से एफसीआई के अधिकारियों की इस करतूत का विरोध करते रहे हैं। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर ने प्रदेश में एफसीआई अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायत 26 मई को केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजकर की थी। चंद्राकर ने मामले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग की थी। उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने बाबत प्रक्रिया शुरू करते हुए जांच की सिफारिश की है। इसकी सूचना रौशन चंद्राकर को भी दी गई है।