बीमा कंपनी को देना होगा वाहन क्षतिपूर्ति के 3 लाख रुपए

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  • जिला उपभोक्ता आयोग ने दुर्घटनाग्रस्त कार के मालिक के पक्ष में सुनाया फैसला

जगदलपुर जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर ने परमजीत के. मोहना द्वारा दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. के खिलाफ पेश परिवाद में आदेश पारित कर परिवादी को उसके वाहन की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा कंपनी को देनदार मानते हुए 3 लाख 4260 रु. देने का आदेश पारित किया है। इसके अलावा वाद प्रस्तुति दिनांक से 7 प्रतिशत की दर से ब्याज देने, मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 10 हजार रु. एवं परिवाद व्यय के रूप में 3 हजार रु. के भुगतान का आदेश भी बीमा कंपनी के विरुद्ध जारी किया गया है। प्रकरण इस प्रकार है कि परिवादी अपने स्वामित्व की हुंडई मेग्मा कार लेकर जगदलपुर की तरफ आ रहा था, तभी उसकी कार मेटावाड़ा पुल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उसने थाना कोतवाली एवं बीमा कंपनी को घटना की सूचना दी थी और वांछित दस्तावेज प्रदान किए गए थे। बीमा कंपनी ने स्पाट सर्वे न करवाने और बीमा कंपनी को विलंब से सूचना देने का आक्षेप लगाते हुए दावा खारिज कर दिया था। परिवादी ने एक स्वतंत्र सर्वेयर नियुक्त कर वाहन का सर्वे कराया था। जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी का दावा आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह माना है कि बीमा कंपनी के साथ- साथ बीमाधारक स्वतंत्र सर्वेयर नियुक्त सकता है तथा बीमा कंपनी को सूचना में देरी दावा निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता। इसी आधार पर दुर्घटनाग्रस्त कार की बीमा राशि प्रदान करने का आदेश दिया गया है। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया है।