पीडीएस राशन दुकानदार और विक्रेता हड़ताल पर

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  • कमीशन, मार्जिन राशि में वृद्धि और मानदेय की मांग
  • पहले ही दिन से दिखने लगा है हड़ताल का व्यापक असर

जगदलपुर कमीशन व मार्जिन राशि में वृद्धि, मानदेय देने, सर्वर की व्यवस्था दुरुस्त करने तथा कुछ अन्य मांगों को लेकर बस्तर संभाग समेत समूचे छत्तीसगढ़ के पीडीएस राशन दुकानदार एवं विक्रेता 1 अगस्त से राशन वितरण बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। पहले ही दिन से उपभोक्ताओं को राशन के लिए भटकते देखा गया।छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली की पूरे देश में सराहना होती है। यहां का पीडीएस सिस्टम अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन गया है, लेकिन इस सिस्टम से जुड़े दुकानदार, वितरक, तौलईया आदि शोषण का शिकार हैं। उन्हें मेहनत के अनुरूप कमीशन नहीं मिलता और न ही पर्याप्त मार्जिन राशि मिलती है। ट्रांसपोर्टिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और वितरण के दौरान चावल, गेहूं, शक्कर, मिट्टीतेल आदि का बड़ी मात्रा में नुकसान होता है, जिसकी भरपाई भी राशन दुकानदारों को ही करनी पड़ती है। कमीशन के नाम पर दुकानदारों को चावल में महज 30 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाता है। वहीं पोषण आहार, मध्यान्ह भोजन, निशक्तजन आदि के राशन वितरण में कोई कमीशन नहीं है। शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों का कहना है कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि राज्यों में मार्जिन और कमीशन राशि बहुत ज्यादा दी जाती है। लोडिंग अनलोडिंग, ट्रांसपोर्टिंग और वितरण के दौरान शक्कर, चावल, गेहूं व मिट्टीतेल के क्षरण की भरपाई हेतु केंद्र सरकार पर्याप्त राशि राज्य सरकार को देती है, लेकिन यह राशि राज्य के दुकानदारों को नहीं मिल पाती। ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का संचालन दुकानदारों और विक्रेताओं के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। दुकानदारों और विक्रेताओं ने कमीशन व मार्जिन राशि बढ़ाने, मानदेय देने, सर्वर को सुचारु बनाए रखने आदि मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया है। इसके तहत 1 से 5 अगस्त तक दुकानें बंद रखी जा रही हैं। इसके बाद 6 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।