- उपभोक्ता भंडार को राशन दुकान सौंपने का विरोध
- विधायक और एसडीएम के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश
- एसडीएम की समझाईश का असर नहीं हुआ ग्रामीणों पर
बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत मरेठा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान का मुद्दा प्रशासन के गले की फांस बन गया है। विधायक लखेश्वर बघेल और बस्तर के एसडीएम ओपी वर्मा के खिलाफ ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। चक्काजाम के बाद ग्रामीण अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। कल एसडीएम ने मरेठा जाकर ग्रामीणों को समझाने और मामले को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। वहीं आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर प्रवास पर हैं। उन तक बात पहुंची, तो प्रशासन को लेने के देने पड़ जाएंगे। यह मामला आगे चलकर प्रशासन के समक्ष बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है।
मरेठा की शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को न देकर प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार मरेठा को दे दी जाने से ग्रामीण बेहद नाराज हो उठे हैं। ग्रामीणों की मंशा है कि राशन दुकान को ग्राम पंचायत के माध्यम से चलाया जाए, मगर एसडीएम ने राजनैतिक दबाव में आकर दुकान संचालन की जिम्मेदारी प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार को सौंप दी है। इसके विरोध में तीन दिन पहले मरेठा के सभी ग्रामीण अपने बाल बच्चों के साथ सड़क पर उतर आए थे। ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया और ग्राम देवता के आसन, छत्र, डोली आदि को यह कहते हुए ग्राम पंचायत के सामने रख दिया था कि इन्हें भी उपभोक्ता भंडार को सौंप दिया जाए। विधायक लखेश्वर बघेल के खिलाफ भी ग्रामीणों की नाराजगी साफ नजर आ रही थी। वे विधायक का नाम लेकर मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे और एसडीएम को भी कोस रहे थे। एसडीएम द्वारा राशन दुकान प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार को सौंपे जाने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने कलेक्टर बस्तर को आवेदन दिया था। इसके बाद राशन दुकान पुनः ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया था। बाद में एसडीएम ने राजनैतिक दबाव का हवाला देते हुए इस आदेश को निरस्त कर राशन दुकान संचालन की जिम्मेदारी प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार मर्यादित मरेठा को देने का आदेश दे दिया। 11 अगस्त को खाद्य निरीक्षक बकावंड और पुलिस बल की मौजूदगी में दुकान प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार को दे दी गई और उचित मूल्य की दुकान में ताला लगा दिया गया। इस कार्रवाई से ग्राम पंचायत मरेठा के सभी ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। ग्रामीण मेन रोड पर पहुंचकर चक्काजाम करने लगे। विरोध प्रदर्शन में दिनभर ग्राम पंचायत के हर परिवार के सभी सदस्य सड़क पर बैठे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल के कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए राशन दुकान प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार को दे दी गई है। चक्काजाम और प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल मुर्दाबाद का नारा लगा रहे थे। ग्राम के गायता, पुजारी, पटेल, कोटवार सभी लोग मिलकर ग्राम देवी देवता के आसनों, छत्र, डोली, नगाड़ा, मोहरी आदि को भी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार सहकारी समिति को सौंपने के लिए पंचायत के पास रख दिया था। ग्रामीणों ने राशन दुकान में ओर से ताला जड़ दिया था। मसले का अब तक समाधान न निकाले जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने 16 अगस्त से ग्राम पंचायत के सामने इकठ्ठा होकर सामूहिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल पर सरपंच उदव राम कश्यप, लोचन सोनवानी, गिरधर कश्यप, नवल किशोर साहू, कुंवर सिंह बघेल, सुदरू पुजारी, गंगा पुजारी, गांव के प्रमुख पुजारी चमरा राम पुजारी तथा दर्जनों ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इस संबंध में कलेक्टर बस्तर को ग्रामीणों ने 14 अगस्त को ही आवेदन दे दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक के दबाव में एसडीएम ने जनभावना के विपरीत कदम उठाया है। यह सब कुछ और कारनामों को छुपाने के लिए किया गया है।