दल्लीराजहरा – वर्तमान में खदानों के अंदर कोरोना का संकमण बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में खदान कर्मचारी एवं उनके परिवार काफी चिन्तित हैं, इन परिस्थितियों में खदान के कर्मी एवं उनके परिवार के सदस्य चाहते हैं कि खदानों के अंदर कोरोना से बचाव हेतु बेहतर से बेहतर उपाय किये जाये, क्योंकि इन्ही कर्मचारियों की मेहनत से लौह अयस्क का उत्पादन बेहतर ढंग से हो रहा है। जिससे सेल प्रबंधन को भारी मुनाफा दिया जा रहा है। सेल प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों के प्रति लापरवाही बर्दास्त नहीं की जा सकती। वर्तमान में यह देखा गया है कि
दल्ली राजहरा में कोरोना पॉजेटिव हुए मरीजों के उपचार की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। बेहतर उपचार के लिए कर्मचारियों को 100 से 150 कि.मी. दूर जाना पड़ता है। ऐसी अव्यवस्था के कारण हमारे कर्मचारी सेवक राग मंडावी, जो कि कोरोना के उपचार की बेहतर सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना से आई.ओ.सी. के कर्मचारियो में काफी आकोश है। कर्मचारियों का कहना है, कि यदि हमारे कर्मचारियों के उपचार की बेहतर व्यवस्था होती तो हमारे इन साथी की मृत्यु नहीं हुई होती। उनके घर के एक मात्र सहारा चला गया, जिससे उनके परिवार के सदस्यों को काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए खदान के कर्मचारियों की मांग है कि कोरोना काल में किसी भी कर्मी की कोरोना संकमण से मृत्यु होने पर उनके परिवार के एक आश्रित सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति एवं 50 लाख रूपये का आर्थिक मुआवजा तत्काल दिया जाये। इसके अलावा खदानों के अंदर कोरोना संकमण से बचाव के लिए निम्न लिखित सुझाव पर अविलम्ब अमल किया जाना अतिआवश्यक है –
- शिफ्ट रोस्टर प्रणाली को अपनाते हए शिफ्ट की अवधि 3 दिन किया जाये।
- सेनेटाईजर की व्यवस्था प्रत्येक विभाग में अनिवार्य रूप से किया जाये।
- माइंस में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अलग से कोविड सेन्टर बनाया जाये।
- सभी कैन्टीनों में साफ सफाई की व्यवस्था एवं कर्मचारियों के लिए नाश्ते करने की सुविधा बढ़ाई जाये।
- सभी विभागों में रेस्ट रूम की व्यवस्था बेहतर की जाये।।
- कार्मिक विभाग के ढीले ढाले रवैये के कारण कर्मचारियों के बहुत से समस्यायें। लंबित है, जिनका तत्काल समाधान किया जाये।
अतः आपसे आग्रह है कि प्रबंधन इन सभी बिन्दुओं का निराकरण 15 दिवस के। अंदर निर्णय लेकर कर्मचारियों को अवगत कराये अन्यथा कर्मचारियों के द्वारा सीधी कार्यवाही की जायेगी।