कोहकापाल में भी जल जीवन मिशन में गड़बड़ी

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  • घटिया कार्य के लिए बदनाम पीएचई के उपयंत्री की करतूत
  • मिशन के तहत मिली राशि की चल रही है बंदरबांट
  • मिशन के सभी कार्यों में बारती जा रही अनियमितता

अर्जुन झा

बकावंड  जल जीवन मिशन को अपनी कमाई का मिशन बना चुके लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के अधिकारियों का एक और बड़ा कारनामा ग्राम पंचायत कोहकापाल में सामने आया है। यहां भी अधिकारियों ने मिशन के सारे कार्य घटिया तरीके से कराए हैं। गांव की सड़कों का सत्यानाश कर दिया गया है। कोहकापाल पंचायत में भी जल जीवन मिशन के कार्य अनियमितता के लिए बदनाम पीएचई के सब इंजीनियर आलोक मंडल की निगरानी में कराए गए हैं।

केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन को छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के अधिकारियों ने कमाई का बड़ा जरिया बना लिया है। बकावंड विकासखंड की ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के हर कार्य में गड़बड़ी कर विभागीय अधिकारी केंद्र सरकार के करोड़ों रुपयों की बंदरबांट कर रहे हैं। बकावंड में पदस्थ पीएचई के उपयंत्री आलोक मंडल वरिष्ठ अफसरों के संरक्षण में गफलतबाजी कर रहे हैं। सब इंजीनियर जल जीवन मिशन के कार्यों में अनियमितता तो बरत ही रहे हैं, राज्य सरकार की निधि से निर्मित करोड़ों रु. की सड़कों की भी मिट्टी पलीद करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सब इंजीनियर आलोक मंडल ने पेयजल आपूर्ति पाईप लाईन बिछाने के नाम पर गांवों में निर्मित सड़कों को खोदवा डाला है। ब्लॉक की ग्राम पंचायत गुमडेल समेत सभी 93 ग्राम पंचायतों में सड़कों को उधेड़ कर रख दिया गया है। गुमडेल पंचायत के बाद अब कोहकापाल ग्राम पंचायत से भी ऐसे ही काले कारनामे सामने आए हैं। केंद्र सरकार द्वारा गांवों के हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी पीएचई को दी गई है। विभाग के सब इंजीनियर आलोक मंडल ने कोहकापाल में भी पाईप लाईन बिछवाने के लिए सड़कों को तहस नहस करवा दिया है। इस पंचायत में मिशन के सारे कार्य पूरी तरह स्तरहीन कराए गए हैं। टंकी और सार्वजनिक एवं निजी नलों के स्टैंड पोस्ट निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। स्टैंड पोस्ट के प्लेटफार्म अभी से धसक रहे हैं। पाईप घटिया दर्जे के लगाए गए हैं और मोटर पंप भी घटिया है। इस गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने वाले ग्रामीणों को डांट डपट कर चुप करा दिया जाता है। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश पनपने लगा है। बकावंड जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत गुमडेल के आवास पारा की गलियों में ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाई सीसी सड़कों को पाईप लाईन बिछाने के लिए पूरी तरह उधेड़ दिया गया है। पाईप लाइनें बिछाने के बाद जेसीबी के जरिए गलियों में मिट्टी का भराव किया गया है। गलियों में कीचड़ भर गया है। इन गलियों में हाल ही में लाखों रु. खर्च कर सीमेंट कांक्रिट सड़कों का निर्माण कराया गया था। गलियां कीचड़ से भरी होने के चलते ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा हो रही है।

धसक गए स्टैंड पोस्ट के प्लेटफार्म

महिलाओं को पेयजल के लिए भटकने से बचाने और दूषित पानी का उपयोग बंद करने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। अधिकारी स्वार्थ के लिए मिशन के कार्यों में जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। पाईप लाईन बिछाने, घरों में निजी और गलियों सार्वजनिक नल के स्टैंड पोस्ट लगाने के लिए प्लेटफार्म निर्माण, ओवर हेड टंकी निर्माण समेत सभी कार्यों में गुणवत्ता को पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया गया है। प्लेट फार्म और टंकी निर्माण में बहुत ही कम मात्रा में सीमेंट का उपयोग किया गया है। रेत ज्यादा और सीमेंट कम उपयोग किए जाने से प्लेट फार्म धसक रहे हैं। कोहका पाल, गुमडेल और अन्य ग्राम पंचायतों में निरीक्षण के दौरान पीएचई के अधिकारियों का सारा कच्चा चिट्ठा सामने आ गया। एक भी घर में और सार्वजनिक नलों के प्लेट फार्म साबूत नहीं मिले। जल निकासी की व्यवस्था न रहने से हर घर के आंगन में कीचड़ हो गया है।

ठेकेदार पर थोपते हैं जिम्मेदारी

गुमडेल के सरपंच, उप सरपंच और पंचों ने जब ठेकेदार को सड़क खोदने से मना किया और सही तरीके से नलों के प्लेट फार्म बनाने के लिए कहा, तो उसने यह कहते हुए अपने ढर्रे पर कार्य जारी रखा कि वह सब इंजीनियर के कहे मुताबिक काम कर रहा है। वहीं पीएचई के सब इंजीनियर आलोक मंडल ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि ठेकेदार मेरी बात नहीं मान रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने पीएचई के ईई जगदीश कुमार से भी मामले की शिकायत की है। गुमडेल के सरपंच हरीश कश्यप ने इन गड़बड़ियों के लिए सीधे तौर पर सब इंजीनियर आलोक मंडल को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बकावंड जनपद की सभी 93 ग्राम पंचायतों में पक्की सड़कों की दुर्दशा पाईप लाईन बिछाने के नाम पर कर दी गई है। सभी पंचायतों में घटिया तरीके से प्लेट फार्मों का निर्माण कराया गया है।

बना दिया कमाई का मिशन ?

जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए केंद्र सरकार करोड़ों रुपए मंजूर करती है। इस राशि से बोर कराने, मोटर पंप खरीदने, सौर ऊर्जा के जरिए मोटर पंप चलाने , ओवरहेड टंकी निर्माण, गांवों की गलियों में आखिरी घर तक पाईप लाईन बिछाने, हर घर में नल कनेक्शन देने, गलियों में स्टैंड पोस्ट लगाने, नलों के वेस्टेज पानी की निकासी की व्यवस्था करने आदि कार्य कराए जाते हैं। इसके लिए करोड़ों का आवंटन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को मिलता है। इस रकम की जमकर बंदरबांट की जा रही है। बताया गया है कि हर जगह कम गहराई में बोर कराया गया है और ज्यादा गहराई तक बोर कराने पर व्यय बताकर रकम हड़प ली गई है। बोर में केसिंग और पाईप तथा मोटर घटिया स्तर के लगाए गए हैं। पाईप लाइनों में बिछाए गए पाईप बेहद ही घटिया स्तर के हैं। स्टैंड पोस्ट बनाने में घटिया क्वालिटी की सीमेंट का उपयोग किया गया है। सोलर पैनल्स की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।सभी ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के कार्य ठेके पर देकर ठेकेदार को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे गई है और जब पोल खुलती है, तब सारा दोष ठेकेदार पर मढ़ दिया जाता है।

वर्सन

सड़कों को खोदने की हिदायत

गांवों की सड़कों को नुकसान पहुंचने की शिकायतें मिली हैं। मैंने सभी सब इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि पाईप लाईन बिछाने में सड़कों को किसी भी तरह की क्षति न पहुंचाएं।