लोकसभा प्रत्याशी पर चल रहा है बस्तर में कयासों का दौर

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  • सात आदिवासी नेताओं के नामों की खूब हो रही है चर्चा
  •  दिनेश, सुभाऊ, रुपसिंह, लखीधर, बनवासी, महेश और लच्छू संभावितों में शामिल
    -अर्जुन झा-
  • जगदलपुर कांग्रेस, भाजपा समेत सभी राजनैतिक दल जहां पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के पचड़े में पड़े हैं, वहीं भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। बस्तर लोकसभा सीट के संभावित उम्मीदवार की तलाश भाजपा ने शुरू कर दी है। लोकसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्त्ता और आमजन भी उम्मीदवार को लेकर कयास लगाने में व्यस्त हैं। सात नेताओं के नाम इन दिनों सामने आ रहे हैं।
    विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के पहले ही बस्तर जिला भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस चुकी है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव हाल ही में निपटे हैं। तेलंगाना में भी मतदान प्रक्रिया चल रही है। इन चुनावों के परिणाम 3 दिसंबर को आने हैं। इन चुनावों को देश की राजनीति के खेल का सेमी फाइनल माना जा रहा है। सेमी फाइनल के नतीजों पर ही फाइनल का परिणाम निर्भर है। कहा जा रहा है कि जो दल सेमी फाइनल जीत लेगा, वही दल भी फाइनल का विजेता बनेगा। इसका लब्बोलुआब यही है कि विधानसभा चुनावों के नतीजों पर ही कांग्रेस और भाजपा का भविष्य टिका हुआ है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के बड़े नेता आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं और पांचो राज्यों में बड़ी जीत के दावे कर रहे हैं।भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में भी प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से एकबार कमल खिलाने आतुर लग रही है।
  • सन 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों और बीते नौ सालों के दौरान मोदी सरकार की कथित उपलब्धियों को देखते हुए बस्तर लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता अभी से अगले लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। क्षेत्र के बड़े भाजपा नेता भी संभावित प्रत्याशी की टोह लेने में लग गए हैं। लोकसभा के पिछले चुनाव में मिली हार को देखते हुए भाजपा नेतृत्व इस बार रिस्क न लेते हुए दमदार और वजनदार चेहरे को बस्तर की जंग में उतारेगी, ऐसा माना जा रहा है। इस दफे के लोकसभा चुनाव में बस्तर क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार के रूप में पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, बस्तर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुभाऊ राम कश्यप, बस्तर भाजपा जिला अध्यक्ष रूपसिंह मांडवी, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष लखीधर बघेल, प्रदेश कार्य समिति सदस्य बनवासी मौर्य, अजजा मोर्चा के बस्तर जिला अध्यक्ष महेश कश्यप और चित्रकोट के पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप के नामों को लेकर खूब चर्चा हो रही है। ये सभी नेता बस्तर की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं और खासा अनुभव भी रखते हैं। फिर भी भाजपा नेतृत्व इन नेताओं की क्षमता, दक्षता, नेतृत्वशीलता, और जनता के बीच पकड़ का आंकलन करने के बाद इन्हीं सात नामों में से ही उम्मीदवार का चयन करेगी। ऐसी चर्चा बस्तर के सियासी गालियारे में चल रही है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र में चार जिले बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा पूरी तरह समाहित हैं। जबकि नारायणपुर जिले का भी बड़ा भाग इस लोकसभा क्षेत्र में स्थित है। इतने विशाल लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए बड़ा जिगरा चाहिए। ऐसे बड़े जिगरा वाला चेहरा तलाशने में सावधानी बरतना जरूरी भी है। लिहाजा भाजपा बस्तर लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी चयन में फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
    बैज के बिना फीकी रहेगी जंग
    बस्तर में इस बात की भी चर्चा है कि इस बार दीपक बैज के लोकसभा चुनाव में मैदान पर न रहने से क्या भाजपा की राह आसान हो जाएगी? दीपक बैज बस्तर के मौजूदा सांसद हैं। उनके कंधों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का भी दायित्व है। इसके अलावा कांग्रेस ने दीपक बैज को इस बार चित्रकोट सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़वा दिया है। श्री बैज की जीत तय मानी जा रही है। अगर वे जीत गए तो विधानसभा में चले जाएंगे और बस्तर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के पास कोई दमदार चेहरा नहीं रह जाएगा। ऐसे में इस सीट के कांग्रेस के हाथ से फिसल जाने का बड़ा खतरा है। वहीं भाजपाई इसे लेकर उत्साहित हैं। लोगों का मानना है कि दीपक बैज के बिना बस्तर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी रण में ज्यादा रोमांच नहीं रह जाएगा।