गणेश बहार नाला ग्रामीणों की जिंदगी में लाएगा खुशहाली की बहार

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  •  अपने गांव में बिजली पैदा करेंगे टाईपदर के ग्रामीण
  • नाले में बन रहे स्टॉप डेम में टरबाईन की हो रही स्थापना
  •  पर्याप्त सिंचाई भी होगी किसानों के खेतों की
    अर्जुन झा
    जगदलपुर गणेश बहार नाला बस्तर जिले के ग्राम टाईपदर के ग्रामीणों की जिंदगी में बहार लाने जा रहा है। इस नाले के पानी से ग्रामीण जहां अपनी जरूरत की पूर्ति के लिए बिजली पैदा कर सकेंगे, वहीं उनके खेतों को भरपूर सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। गांव के पास से बहने वाले में गणेश बहार नाले में जल संसाधन विभाग द्वारास्टॉप डेम का निर्माण कराया जा रहा है और लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम की स्थापना की जा रही है। बिजली उत्पादन के लिए स्टॉप डेम में टरबाईन भी लगाई जा रही है।
    गणेश बहार नाला वैसे तो एक बरसाती नाला है, मगर अब यह नाला बारहों माह टाईपदर के ग्रामीणों के जीवन में तरक्की और खुशियों की बरसात करेगा। बरसात के मौसम में पहले गणेश बहार नाले से पानी व्यर्थ बह जाता था। नाले के जल का उपयोग ग्रामीण नहीं कर पाते थे। सन 2010 में बस्तर क्षेत्र के भ्रमण पर आए बेंगलुरु के प्रोफेसर डॉ. पुनीत सिंह टाईपदर गांव भी पहुंचे थे।

बरसाती पानी के संरक्षण और उसे बहुआयमी उपयोग में माहिर डॉ. पुनीत सिंह ने गणेश बहार नाले में स्टॉप डेम निर्माण, लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम और बिजली उत्पादन की परिकल्पना कर काम शुरू किया। इसके लिए उन्होंने अपनी ओर से धन राशि भी लगाई। फिर शासन द्वारा जल संसाधन विभाग के जरिए संसाधन लगाकर काम को आगे बढ़ाया गया। गणेश बहार नाला में कराए जा रहे स्टाप डेम और लिफ्ट एरिगेशन कार्य का कलेक्टर विजय दयाराम के. ने निरीक्षण किया। कलेक्टर ने ग्रामीणों से लिफ्ट एरिगेशन की कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट के सफल होने के लिए ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका जरूरी है। कलेक्टर विजय दयाराम के. ने सिंचाई योजना से ग्रामीणों को होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराते हुए सिंचाई हेतु स्टोरेज टैंक से श्रमदान के जरिए नाली निर्माण कर प्रशासन का विश्वास जीतने कहा। ताकि ग्रामीणों की मांगों पर अन्य विकास कार्यों को भी गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि इस लिफ्ट एरिगेशन से लाभान्वित सिंचित क्षेत्र में सभी हितग्राही नगदी फसल गन्ना की खेती कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि इस योजना के लिए वर्ष 2010 से बेंगलुरू के प्रोफेसर डॉ. पुनीत सिंह ने इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए अपना बहुमूल्य योगदान और स्वयं धन भी लगाया है। इसके अलावा प्रशासन की ओर से आवश्यक संसाधन लगाए गए हैं। इतनी बड़ी लागत से बने प्रोजेक्ट का समुदाय बेहतर उपयोग कर आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधन बनाने में सहयोग दे। कलेक्टर ने टाईपदर के गणेश बहार नाला में स्थापित स्टाप डेम, लिफ्ट एरिगेशन के लिए स्थापित टरबाईन और स्टोरेज टैंक का अवलोकन कर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। इस दौरान सुकमा और जशपुर जिले में स्थापित लिफ्ट एरिगेशन के कार्य के समान गति देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे, जल संसाधन विभाग के रिछारिया, जनपद सीईओ अमित भाटिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

होगी 40 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई भी
लगभग 6 करोड़ की लागत से बन रहे इस योजना से ग्राम टाईपदर की 40 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी, गांव की पेयजल समस्या दूर होगी और लघु पनबिजली परियोजना से बिजली का उत्पादन भी होगा। इसके लिए टरबाइन स्थापना और अन्य निर्माण कार्य को गति दी गई है। पानी का स्टोरेज टैंक तक पहुंचाने वाले काम को पूर्ण कर जांच की जा चुकी है।कलेक्टर विजय दयाराम के. निरीक्षण दौरे के बीच अचानक तिरिया के संगम स्थल का निरीक्षण करने पहुंच गए। वहां उन्होंने ग्रामीणों से तिरिया को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के संबंध में चर्चा की।