सुकमा जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं को बेचने का गोरख धंधा

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  • नर्स पर शिशुओं की खरीद फरोख्त का आरोप
  •  कलेक्टर ने किया सस्पेंड, एफआईआर भी दर्ज
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर संभाग के सुकमा जिले से बड़ी सनसनीखेज और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना होती रही। जब इसका खुलासा हुआ, तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। सरकारी अस्पताल की नर्स द्वारा नवजात शिशुओं की खरीद फरोख्त की खबर सामने आई है।
    सुकमा के जिला चिकित्सालय में पदस्थ नर्स पर बच्चों की खरीदी-बिक्री का आरोप लगा है। जिला बाल संरक्षण विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर हरीश एस. ने नर्स को निलंबित कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया हैं। मामले पर सुकमा कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। नर्स द्वारा नवजात बच्चों को बेचे जाने की सूचना मिलने पर बाल सरक्षंण विभाग ने छानबीन की। शिकायत मिली थी कि रामाराम के कुड़केल गांव निवासी एक परिवार के नवजात शिशु को करीब 30 हजार रू. में खरीदा गया। फिर उसे जरूरतमंद परिवार के पास बेच दिया गया। जांच में शिकायत सही पाई गई। फिर पंचनामा कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी गई। उसके बाद उक्त नर्स के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित किए जाने की खबर है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर विभाग ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करने आवेदन दिया है।

    निशाने पर रहते हैं गरीब परिवार
    बताया जाता है कि उक्त नर्स जिला अस्पताल में पदस्थ होने का फायदा उठाती थी। वह डिलवरी के लिए पहुंचने वाली महिलाओं परिजनों के संपर्क में रहती थी। गरीब और पहले से दो या तीन बच्चे वाली महिला के परिजनों को पैसों का लालच देकर डील करती है। बताया जाता है कि पहले भी ऐसी कई घटनाओं को वह अंजाम दे चुकी है।
    वर्सन
    सच निकली शिकायत
    हमें शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर जांच- पड़ताल की गई और मामला सही पाया गया। उक्त नर्स के खिलाफ में थाने में सूचना दर्ज कराई गई और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
    जितेंद्र सिंह
    बाल सरक्षण अधिकारी, सुकमा