कड़ी नाकेबंदी के बाद भी नहीं थम रही है धान की तस्करी

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  • नाकों और निगरानी दलों को चकमा दे जाते हैं तस्कर
  • बकावंड के सीमावर्ती क्षेत्र में 306 क्विंटल धान जप्त

अर्जुन झा

बकावंड लाख बंदिशों और कड़ी निगरानी के बाद भी पड़ोसी राज्यों से धान लाकर बस्तर और कोंडागांव जिलों के सरकारी खरीदी केंद्रों में खपाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। हर दूसरे दिन धान का अवैध परिवहन करते मिनी ट्रक व ट्रेक्टर पकड़े जा रहे हैं। ओड़िशा का धान छत्तीसगढ़ में बेचे जाने का क्रम लगातार जारी है।

ओड़िशा, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की सीमाएं बस्तर संभाग के बस्तर, सुकमा और कोंडागांव जिलों से लगी हुई हैं। इसका बेजा फायदा व्यापारी और कोचिया उठा रहे हैं। ये लोग उक्त राज्यों के किसानों से उन राज्यों में प्रचलित दर से थोड़ी अधिक दर पर धान खरीद लेते हैं। उसके बाद उस धान को छत्तीसगढ़ के सरकारी खरीदी केंद्रों में ऊंची दर पर बेचने में सफल हो जाते हैं। बीते वर्षों के कड़वे अनुभवों को देखते हुए इस साल सीमाई इलाकों में जांच चौकियां स्थापित की गई हैं तथा निगरानी दलों का गठन किया गया है। बावजूद धान तस्कर अपने मंसूबों में सफल हो जाते हैं। बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के मार्गदर्शन में धान तस्करी पर नकेल कसने पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नतीजतन बस्तर जिले में बड़े पैमाने पर धान के अवैध परिवहन के मामले पकड़े जा रहे हैं। कलेक्टर विजय दयाराम के. के मार्गदर्शन में बकावंड के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा ओड़िशा से लगे सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध धान परिवहन पर नियंत्रण हेतु जांच नाका के माध्यम से लगातार कार्यवाही की जा रही है। अनुविभागीय अधिकारी नंदकुमार चौबे ने बताया कि अब तक जांच दल द्वारा अवैध धान परिवहन करने वाले तक 9 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है तथा 306 क्विंटल से अधिक धान जप्त किया गया है। धान का अवैध परिवहन करते पकड़े गए चार वाहनों को मंडी अधिनियम के तहत जप्त किया गया है। शुक्रवार की रात जांच दल ने ओडिशा राज्य की तरफ से आ रही तीन गाड़ियों में 160 बोरी अवैध धान को जप्त कर करपावंड थाना के सुपुर्द किया। ज्ञात हो कि धान उपार्जन अवधि के दौरान पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से धान लाकर सीमावर्ती धान खरीदी केंद्रों में विक्रय करने का सिलसिला हर साल चलते रहता है। इसे देखते हुए शासन के निर्देशानुसार जिले के सीमावर्ती जांच नाकों में अवैध धान की आवक पर विशेष निगरानी रखने हेतु जांच नाका और निगरानी दल बनाए गए हैं। सभी दलों को अवैध रुप से बगैर दस्तावेज धान के अवैध परिवहन करने वालों पर नियमानुसार

ऐसे चलता है यह काला खेल

बस्तर संभाग के बस्तर, सुकमा और कोंडागांव जिलों की सीमाएं ओड़िशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से लगी हुई हैं। बस्तर और कोंडागांव जिलों में ओड़िशा से ज्यादातर धान लाया और खपाया जाता है। जांच चौकियां स्थापित होने के बावजूद अब तक कई टन अवैध धान और धान लेकर आ रहे दर्जनों मिनी ट्रक एवं ट्रेक्टर पकड़े जा चुके हैं। स्थानीय एवं ओड़िशा के व्यापारी व कोचिया ओड़िशा के किसानों से 2 हजाए रू. से 21 सौ से 23 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद लाते हैं और बस्तर एवं कोंडागांव जिलों के खरीदी केंद्रों में स्थानीय किसानों के नाम से उसे खपाने में सफल हो जाते हैं। इस काले खेल में शामिल व्यापारी और कोचिया अंदरूनी एवं सुनसान रास्तों के जरिए धान लदे वाहनों को बस्तर व कोंडागांव जिलों में प्रवेश कराने में सफल हो जाते हैं। इस खेल में स्थानीय धान खरीदी केंद्र प्रभारियों और समिति प्रबंधकों की भी मिलीभगत रहती है। कमाई का हिस्सा सभी के बीच बंटता है।