गड़बड़ी छुपाने बाजार शेड का प्लेटफार्म उखड़वा दिया सरपंच -सचिव ने

0
52
  •  डीएमएफटी की राशि की बकावंड में हुई बंदरबांट
  •  निर्माण में बरती जा रही है जमकर अनियमितता
    -अर्जुन झा-
    बकावंड विकासखंड मुख्यालय बकावंड में बाजार शेड निर्माण के लिए स्वीकृत राशि में जमकर बंदरबांट चल रही है। निर्माण कार्य में अनियमितता बरतते हुए शासन को चूना लगाया जा रहा है। गड़बड़ी की बात उजागर होने पर शेड के प्लेटफार्म को उखड़वा दिया गया और उसकी फ्लोरिंग नहीं कराई जा रही है।
    ग्राम पंचायत बकावंड के बाजार स्थल पर शेड निर्माण के लिए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफटी) द्वारा पहली किस्त में 18 .55 लाख रू. और दूसरी किस्त में 18 .55 लाख रुपए की मंजूरी दी गई थी। कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत बकावंड को बनाया गया था। ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने निर्माण का काम एक ठेकेदार को सौंप दिया और ठेकेदार से सांठगांठ कर सरपंच व सचिव ने गुणवत्ता विहीन काम कराना शुरू कर दिया। प्लेटफार्म निहायत ही घटिया स्तर का बनाया गया। प्लेटफार्म निर्माण में कम मात्रा में और हल्के दर्जे की सीमेंट का उपयोग किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ ही दिनों बाद प्लेटफार्म उखड़ने लगा। इसी तरह शेड निर्माण में घटिया लोहे और शेड का उपयोग किया गया।

जब यह गड़बड़ी आम होने लगी, तब सरपंच, सचिव और ठेकेदार ने प्लेटफार्म को उखड़वा दिया। उसके बाद उसकी दोबारा कांक्रिटिंग और फ्लोरिंग कराई ही नहीं गई। उखड़ा हुआ प्लेटफार्म आज भ्रष्टाचार की चुगली कर रहा है। शासन के लाखों रुपयों की बंदरबांट कर ली गई, मगर शेड का उपयोग आज तक शुरू नहीं हो पाया है। इसी तरह जरा सी भी हवा चलने पर शेड थर थर कांपने लग जाता है और अब लगता है कि शेड अब गिर जाएगा, तब गिर जाएगा। शेड के कभी भी क्षतिग्रस्त होकर धराशायी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सरपंच सचिव ने प्लेटफार्म और शेड निर्माण में स्थानीय मजदूरों को काम देने के बजाय ठेकेदार के जरिए काम कराया गया है।ग्रामीणों ने कहा है कि घटिया सामग्री का उपयोग कर ठेकेदार द्वारा बनाया गया प्लेटफार्म और शेड दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। इससे यह साबित होता है। स्थानीय राजमिस्त्री और मजदूरों को काम देना छोड़कर बकावंड सरपंच और सचिव ने कमीशन के फेर में ठेकेदार के माध्यम से घटिया शेड व प्लेटफार्म बनवाया है। सन 2020 से 2023 तक ग्राम पंचायत बकावंड में जितने भी कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया गया है, उन सभी कार्यों में जमकर कमीशनखोरी की गई है। 15वे वित्त आयोग व मूलभूत की राशि की भी खूब बंदरबांट हुई है। ग्रामीणों ने अब तक के सारे कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। विभागीय अधिकारी से शिकायत करने के बाद भी अधिकारी जांच के लिए आनाकानी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा है कि अधिकारी तत्काल जांच और सरपंच, सचिव एवं ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।