- लेंपस सोसाइटी बकावंड में चल रही है भारी भर्राशाही
- साय सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं प्रबंधक
-अर्जुन झा-
बकावंड राज्य की नई नवेली भाजपा सरकार को किसान विरोधी ठहराने में कांग्रेस नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं ब्लॉक मुख्यालय बकावंड स्थित लेंपस सोसाइटी के खरीदी प्रबंधक भी साय सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हुए हैं। लेंपस प्रबंधक कोचिंयों और व्यापारियों का धान तो सहजता से खरीद ले रहे हैं, मगर किसानों की उपज खरीदने से साफ इंकार कर रहे हैं। इससे किसानों में विष्णुदेव साय सरकार के प्रति गलत धारणा बनती जा रही है।
प्रबंधक ने सरकारी धान खरीदी व्यवस्था को अवैध कमाई का जरिया बना लिया है। अवैध कमाई के चक्कर में वे किसानों के साथ अन्याय करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
टोकन कटाने के बाद धान बेचने पहुंचने वाले किसानों को यह कहकर बैरंग लौटाया जा रहा है कि शासन द्वारा तय की गई धान खरीदी की लिमिट पूरी हो चुकी है। जबकि कोचियों और व्यापारियों के धान को खरीदने के लिए कोई लिमिट नहीं है। कोचियों और व्यापारियों द्वारा लाए गए धान को भर भरके खरीदा जा रहा है। ओड़िशा के और स्थानीय व्यापारी एवं कोचिया बकावंड खरीदी केंद्र में बेतहाशा धान खपा रहे हैं। ओड़िशा से तस्करी कर लाए गए धान की खरीदी बकावंड केंद्र में दिल खोलकर की जा रही है। पता चला है कि व्यापारी और कोचिया ओड़िशा के किसानों का धान 19 सौ रू. से दो हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदते हैं फिर उसे यहां लाकर फर्जी किसानों के नाम से खपा देते हैं। खरीदी प्रारंभ होने से पहले किसानों के पंजीयन के दौर में व्यापारी और कोचिया खरीदी प्रभारी व लेंपस सोसाइटी प्रबंधक से सांठगांठ कर किसानों के फर्जी नामों का पंजीयन करवा लेते हैं। इसके अलावा जो स्थानीय किसान अपनी पूरी उपज न बेचकर थोड़ा बहुत ही धान बेचते हैं, उनकी ऋण पुस्तिका का उपयोग भी कोचियों और व्यापारियों का धान खरीदने के लिए किया जाता है। इसके एवज में व्यापारी और कोचिया सोसाइटी प्रबंधक व खरीदी केंद्र प्रभारी को मोटी रकम भेंट करते हैं। स्थानीय किसानों के धान की तौलाई में जमकर डंडीमारी भी की जाती रही है। सोसाइटी प्रबंधक और खरीदी केंद्र प्रभारी के इस रवैये से स्थानीय किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।