जगदलपुर -सुकमा हाईवे के लिए शुरू हो गई सड़क की राजनीति

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  • कोंटा के विधायक कवासी लखमा ने किया चक्काजाम
  • जब मंत्री थे तब कुछ नहीं किया, अब छाती पीट रहे हैं कवासी लखमा : बारसे
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर को आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे -30 की दुर्दशा पर अब सड़क की राजनीति शुरू हो गई है। इस मुद्दे पर कोंटा के विधायक एवं पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपने समर्थकों के साथ चक्काजाम पर उतर आए हैं। वहीं सुकमा जिला भाजपा अध्यक्ष धनीराम बारसे ने चक्काजाम को राजनैतिक स्टंट करार देते हुए कहा है कि कवासी लखमा मंत्री रहते तो इस नेशनल हाईवे के लिए कुछ नहीं कर पाए, अब छाती पीट रहे हैं।
    जगदलपुर से सुकमा, कोंटा, भद्राचलम, तेलंगाना तक जाने वाले नेशनल हाईवे 30 की हालत बड़ी दयनीय हो चली है। इस नेशनल हाईवे से अंतर राज्यीय बसें चलती हैं। वहीं तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच माल परिवहन के लिए भी इसका बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। इस रोड पर चलने वाले माल वाहक ट्रकों और यात्री बसों से इन तीनों राज्यों को भारी राजस्व की प्राप्ति होती है। बावजूद सड़क की दशा सुधारने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है। नेशनल हाईवे का केशलूर से सुकमा तक का लगभग 86 किलोमीटर लंबा हिस्सा पूरी तरह तबाह हो चुका है। सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। वाहन हिचकोले खाते गुजरते हैं। बसों में बैठे यात्रियों का अस्थि पंजर ढीला हो जाता है। बसों और ट्रकों की बॉडी को काफी नुकसान पहुंचता कमा है। पहले इस जर्जर सड़क की मरम्मत को लेकर कांगेर वेली नेशनल पार्क की वजह से कुछ अड़चन थी, मगर अब वह अड़चन भी दूर हो चुकी है। बावजूद सड़क को ठीक करवाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

कवासी लखमा जब भूपेश बघेल सरकार में केबिनेट मंत्री थे तब अपने काफिले के साथ हजारों बार इस सड़क से गुजर चुके हैं। वे अब भी इसी मार्ग से आवागमन करते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं जगदलपुर के विधायक किरण देव सिंह का गृहनगर सुकमा भी इसी हाईवे पर स्थित है। किरण देव सिंह के पिताजी कुमार लक्ष्मी नारायण देव सिंह के निधन के बाद उनके निवास पर वीवीआईपी का पहुंचना चलता रहा। बीते शुक्रवार को भी सैकड़ों वीवीआईपी और बड़े अधिकारी सुकमा पहुंचे थे। उनका भी पाला इस सड़क से पड़ा और निश्चित ही उन्हें भी वही कष्ट झेलना पड़ा होगा, जैसा कि आम नागरिक कई माह से झेलते आ रहे हैं। कई भुक्तभोगी बड़ी हस्तियों और अफसरों ने इस संवाददाता के समक्ष सड़क से जुड़ी अपनी पीड़ा व्यक्त भी की थी।. इसके बाद श्रमबिंदु ने हाईवे की बदहाली को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।. खबर छपते ही सारे नेताओं की नींद टूट गई और उन्होंने राजनीति भी शुरू कर दी। आज 22 जनवरी को जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भगवान रामचंद्र की भक्ति में सारा देश लीन था, तब कोंटा के विधायक एवं पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपने समर्थकों के साथ तोंगपाल में एनएच -30 की खस्ताहाली को लेकर लिए चक्काजाम करते हुए सियासी भक्ति में लीन नजर आए। राष्ट्रीय राजमार्ग के एसडीओ और तहसीलदार के आश्वासन के बाद कवासी लखमा ने मार्ग खोलकर एक दिन भी काम बंद नहीं रखने एवं काम में तेजी लाने का अल्टीमेटम दिया। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेश्वरी बघेल, तोंगपाल ब्लाक अध्यक्ष लक्ष्मण कश्यप, तुलसी नाग, तोंगपाल सरपंच मदन नाग, शेख सज्जाद सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

लखमा बहा रहे घड़ियाली आंसू : धनीराम
विधायक कवासी लखमा के चक्काजाम करने पर भाजपा के सुकमा जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे ने कहा है कि कोंटा से जगदलपुर तक सडक की खस्ताहाली के जिम्मेदार खुद कवासी लखमा हैं। धनीराम बारसे ने कहा कि कोंटा विधायक एवं कांग्रेस सरकार के संरक्षण में ही ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्र की मोदी सरकार ने एनएच -30 के कार्य के लिए पूरी राशि राज्य सरकार को दे दी थी। कांग्रेस की पिछली सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह कार्य को गुणवत्तापूर्ण एवं सही समय पर कराती, परंतु कांग्रेस सरकार की लापरवाही एवं ठेकेदार को संरक्षण देने से अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। उस समय विपक्ष में बैठकर भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर कई बार आंदोलन किया। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही हमने एनएच के पुनः कार्य शुरू करने के लिए पार्टी के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन देकर जल्द ही एनएच के कार्य को शुरू करने की मांग कर चुके हैं। इसका असर भी दिख रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय को भी हमने कार्य शुरू कराने के लिए ज्ञापन दिया है। कांग्रेस की सरकार रहते हुए कभी भी कांग्रेसी विधायक कवासी लखमा ने एनएच -30 के कार्य क़ो लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। अब जबकि कांग्रेस की सरकार चली गई है तब कांग्रेस के विधायक कवासी लखमा के पेट में दर्द उठ रहा है और वे घड़ियाली आंसू बहा कर झूठी राजनीति कर रहे हैं। जब सत्ता हाथ से चली गई तब विधायक कवासी लखमा को एनएच पर नौटंकी करने की सूझी है। वैसे भी कवासी लखमा नौटंकीबाज ही हैं। जब तक सत्ता की मलाई खा रहे थे, एनएच के गड्ढों पर उनका ध्यान नहीं गया। जैसे ही सत्ता की कुर्सी गई कवासी लखमा की नौटंकी चालू हो गई। एन एच- 30 को लेकर हमारी सरकार गंभीर है। और अभी कुछ ही दिन हुए हैं हमारी सरकार बने और सडक निर्माण भी शुरू हो चूका है।जल्द ही सड़क निर्माण की गति में तेजी आएगी। क्योंकि अब छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आ चुकी है। अब जनहितैषी कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। इसीलिए कोंटा के विधायक घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।