अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर देंगे 8 लाख की क्षतिपूर्ति और भरेंगे 2 लाख का जुर्माना

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  •  एमपीएम अस्पताल में किया गया था मोतियाबिंद क गलत ऑपरेशन

जगदलपुर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा बुधवार को एक प्रकरण में एमपीएम अस्पताल जगदलपुर और डॉ. सरिता थॉमस के खिलाफ आदेश पारित किया है।आदेश के अनुसार अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर आवेदिका को चार- चार लाख रुपए की क्षतिपूर्ति और एक- एक लाख रुपए का जुर्माना अदा करेंगे।

प्रकरण के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार हैं कि जगदलपुर निवासी रजनी जैन की एक आंख में कम दिखने की शिकायत होने पर उसने एमपीएम अस्पताल में डॉ. सरिता थॉमस से अपनी आंख की जांच करवाई थी। तब डॉक्टर द्वारा उसे मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने की सलाह दी गई थी। डॉक्टर की सलाह पर आवेदिका ने एमपीएम अस्पताल में अपनी आंख के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था। आपरेशन के दूसरे दिन से ही उसकी आंख से दिखना पूरी तरह बंद हो गया था। इस संबंध में रजनी जैन द्वारा डॉक्टर से शिकायत की गई थी। डॉक्टर ने उसे आई ड्रॉप्स देकर एक सप्ताह पश्चात आने की सलाह दी गई थी। एक सप्ताह बाद पुन: डॉक्टर को दिखाने पर भी उसकी आंखों से दिखना आरंभ नहीं हुआ। आवेदिका रजनी जैन ने विशाखापट्टनम स्थित नेत्र चिकित्सालय में अपनी आंख की जांच करवाई तो वहां बताया गया था कि उसकी आंख के मोतियाबिंद का ऑपरेशन गलत होने के कारण आपकी बांई आंख की रोशनी चली गई है। आवेदिका ने इसकी शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने माना है कि अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टर द्वारा चिकित्सा के मापदंड के मानक स्तर पर आवेदिका की बांयी आंख के मोतियाबिंद का ऑपरेशन नहीं किया गया था और न ही उसे सही समय पर हायर सेंटर रेफर किया गया था जिसके कारण उसके बांयी आंख की रोशनी चली गई है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर को ऑपरेशन में लापरवाही, उदासीनता बरतने पर एक- एक लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है तथा पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में आठ लाख रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल, सदस्य आलोक कुमार दुबे और सीमा गोलछा की संयुक्त खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया है।