उपसंचालक जहीरूद्दीन ने पशु चिकित्सा सेवाएं के क्षेत्र में अमूल्य पैंतालीस वर्ष

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  • सुकमा से किया था नौकरी का आगाज, वहीं से रिटायर भी हुए डॉ. जहीरुद्दीन 
    जगदलपुर पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उप संचालक डॉ. जहीरुद्दीन जगदलपुर निवासी डॉ. जहीरूद्दीन 45 वर्ष की लंबी सेवा देने के बाद रिटायर हो गए। उन्हें पशु चिकित्सा सेवा विभाग के साथ ही अन्य विभागों के भी अधिकारी- कर्मचारियों और गणमान्य नागरिकों ने भव्य समारोह आयोजित कर भावभीनी विदाई दी। खास बात यह रही कि डॉ. जहीरुद्दीन ने जिस सुकमा शहर से विभाग में नौकरी की शुरुआत की थी, उसी सुकमा से वे सेवनिवृत हुए हैं। सेवा अवधि में वे कई जिलों में पदस्थ रहे।

जगदलपुर शहर के दीनदयाल वार्ड में जन्मे डॉ. जहीरुद्दीन शुरू से ही सेवाभावी हैं। मूक पशुओं की सेवा करने के भाव से उन्होंने सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के रूप में विकासखंड सुकमा से नौकरी की शुरुआत की और सुकमा से ही सेवानिवृत्त भी हुए। अपने जीवन के अमूल्य 45 वर्ष उन्होंने पशुओं की सेवा में समर्पित कर दिए। पशु चिकित्सा सेवाएं में आगे उच्च पद पर सेवा देने उन्होंने बीव्हीएससी एंड एच की उच्च शिक्षा प्राप्त की। उप संचालक जहीरूद्दीन उसके बाद विकासखंड लोहंडीगुड़ा में पशु विस्तार अधिकारी बने और 29 फरवरी 2024 को सुकमा व दंतेवाड़ा के उप संचालक के पद से सेवानिवृत्त हुए। उप संचालक के पद पर पशु चिकित्सा सेवाएं दंतेवाड़ा में अपनी सेवाएं दी। वहां से स्थानांतरण पर सर्वप्रथम जिस स्थान पर शासकीय सेवा की शुरुआत हुई वहीं पर उन्हें उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला सुकमा के पद पर पदस्थ किया गया।

ग्रामीण विकास विभाग में भी सेवा
डॉ. जहीरुद्दीन ने अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल में विकासखंड अधिकारी के पद पर जनपद पंचायत दरभा, तोकापाल, बास्तानार, बगीचा, कोयलीबेड़ा, छिंदगढ़, सुकमा तथा नारायणपुर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर भी कार्य किया। माओवाद प्रभावित क्षेत्र में जहां वाहन नहीं जा पाते थे, वहां वे अपनी जान जोखिम में डालकर जाते थे और उस क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए विशेष कैंप आयोजित करते थे। ग्रामीणों को इससे लाभ भी मिलता था।

नेत्र शिविरों में तीन बार मिला प्रथम स्थान
बस्तर जिले में 1997 से 1999 तक तीन बार ब्लाक, अनुभाग व जिला स्तर पर नेत्र शिविरों का आयोजन किया गया था। शिविरों का लाभ बस्तर के अधिक से अधिक लोगों को दिलाने के लिए डॉ. जहीरुद्दीन अपने मातहतों तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से दिनरात एक कर दिया करते थे। इसका नतीजा ही रहा कि लोहंडीगुड़ा जनपद पंचायत को तीन बार प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया था।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बेखौफ दी सेवा
बस्तर माओवाद प्रभावित क्षेत्र है और उस क्षेत्र में सेवा देना किसी चुनौती से कम नहीं है। उसके बावजूद डॉ. जहीरुद्दीन अपने मैदानी कर्मचारियों का हौसला अफजाई करने समय- समय पर कार्यालयीन कार्यों के बीच समय निकाल कर मैदानी कर्मचारियों के साथ बस्तर के संवेदनशील एवं अति सवेंदनशील क्षेत्रों का दौरा कर जिला प्रशासन के सहयोग से पशुधन की स्वास्थ्य रक्षा, पशु संवर्धन एवं पशु, कुक्कुट,भेड़- बकरी आदि विकास के जरिए उन्होंने गरीब वर्ग के हितग्राहियों को विभागीय योजनाओं के माध्यम से आर्थिक लाभ पहुंचाने का बेहतरीन कार्य किया।

कोरोना काल में भी दिखा जज्बा
वैश्विक महामारी कोविड़ 19 के दौरान भी सुकमा जिले के पशु चिकित्सा विभाग ने टीम भावना से काम करते हुए शहरी क्षेत्रों सुकमा नगर पालिका परिषद, दोरनापाल व कोंटा नगर पंचायत क्षेत्र के अलावा ग्रामीण एवं दूरस्थ ग्राम जगरगुंडा, मरईगुड़ा, किस्टाराम, धर्मापेंटा, भेजी मे भी पशु चिकित्सा व पशुपालन के कार्यों के लक्ष्यों की पूर्ति की। कार्यक्षेत्र मे पशु चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया जिसके कारण जिला प्रशासन ने सम्मानित किया।

निवृत्तमान उप संचालक का स्वागत
पशुधन विकास विभाग के उप संचालक डॉ.एस.जहीरुद्दीन ने 43 वर्षों की शासकीय सेवा सफलता पूर्वक पूर्ण कर उप संचालक के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवा के अंतिम दिन को यादगार बनाने के लिए पशुधन विकास विभाग परिवार जिला सुकमा द्वारा आदिवासी भवन में उपसंचालक डॉ. एस. जहीरुद्दीन को विदाई देने सेवानिवृत्ति विदाई सह सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। विदाई का ऐसा ऐतिहासिक नजारा जिले मे आज तक किसी अधिकारी का नही देखा गया। ऐसा बेहतरीन नजारा प्रथम बार देखने को मिला। विदाई समारोह कार्यक्रम में नृत्य दल द्वारा बाजे गाजे के साथ नृत्य करके डॉ. एस.जहीरुद्दीन को सह परिवार मंच तक पहुंचाया गया तथा पशुधन विकास विभाग परिवार जिला सुकमा द्वारा गजमाला पहनाकर उनका तथा उनके परिवार का स्वागत किया गया।

कलेक्टर ने की खूब तारीफ
सुकमा के कलेक्टर हरीश एस.द्वारा सेवानिवृत्त उप संचालक डां. एस. जहीरूद्दीन को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी तथा शॉल व श्रीफल से सम्मानित किया। कई वक्ताओं ने सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. एस. जहीरुद्दीन उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं के प्रति सुकमा जिले में निष्ठा व ईमानदारी पूर्वक किए गए कार्यों, मधुर स्वभाव और कर्तव्य निष्ठा कार्यों की तारीफ की। उपस्थित हस्तियों ने पशुधन विकास विभाग से विदा हो कर उनके जाने को पशु चिकित्सा परिवार के साथ- साथ पशुपालकों के लिए दुखदायी बताया। वक्ताओं ने उनकी दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की।

दंतेवाड़ा व सुकमा जिले से उमड़ा जनसैलाब
कार्यक्रम मे सहभागी बनने पहुंचे सयुंक्त संचालक जगदलपुर एवं उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला दंतेवाड़ा के विभागीय कर्मचारी एवं साथी भी भावविव्हल हो उठे। इस दौरान विभिन्न आजीविका मूलक विभागीय योजनाओं से लाभान्वित सुकमा, छिंदगढ़ तथा कोंटा विकासखंड के स्व सहायता समूहों की महिलाओं, पशुपालकों तथा शबरी नारायण गौशाला के संचालकों ने पुष्प गुच्छ, शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया तथा भेंट स्वरूप उपहार दिया। इस दौरान ऐसा मौका भी आया कि जनसमुदाय की आंखों से आंसू छलक पड़े तथा भारी मन से उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एस. जहीरुद्दीन को लोगों ने विदा किया। उप संचालक डॉ. एस. जहीरुद्दीन इस दौरान भावुक हो उठे तथा इस गरिमामयी कार्यक्रम के लिए पशुधन परिवार का आभार जताया। जहीरूद्दीन ने रूंधे गले से कहा कि 43 वर्ष की शासकीय सेवा का सफर बेहद संघर्षपूर्ण एवं चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन चुनौतियों का सामना टीमवर्क से किया। इस अवसर पर उन्हें विदाई देने उमड़ी भीड़ उनके स्वभाव, सेवा के प्रति समर्पण भाव जिले के पशुपालकों द्वारा दिए गया अनमोल उपहार से कम नहीं थी। विदाई कार्यक्रम को बेहतरीन व अविस्मरणीय बनाने में पशुधन विकास विभाग सुकमा जिला परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण रही ।