रकम मिलने के बाद भी दो साल से लटका है पल्ली चकवा गांव में पुलिया निर्माण का काम

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  •  गड्ढा खोदकर छोड़ दिया, रोज हो रही हैं दुर्घटनाएं
  • बीमारों को अस्पताल ले जाने और शवों की अंत्येष्टि में हो रही है बड़ी परेशानी
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर जनपद पंचायत के अंतिम छोर पर बसे गांव पल्ली चकवा में जनपद पंचायत निधि से पुलिया निर्माण कार्य दो साल से लटका हुआ है। पुलिया बनाने के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। इस वजह से ग्रामीणों को आवाजाही में बड़ी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों की मुश्किल तब और बढ़ जाती है, जब बीमार परिजन को अस्पताल ले जाना पड़ता है और शव को अंतिम संस्कार के लिए नदी ले जाना होता है। कहा जा रहा है कि पंचायत प्रतिनिधियों ने राशि हजम कर ली है।. क्षेत्र के जनपद सदस्य ने तीन लाख रुपए स्वीकृत कराए थे।
    पल्ली चकवा के ग्रामीणों के मुताबिक गांव से नदी मार्ग पर पुलिया निर्माण की स्वीकृति दो साल पहले मिली थी। इसके लिए स्वीकृत राशि भी उसी समय ग्राम पंचायत को आवंटित कर दी गई थी। ग्राम पंचायत के कर्णधारों और जनपद पंचायत के इंजीनियर ने शुरू में पुलिया निर्माण के लिए खोदाई करा दी। उसके बाद काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया। पंचायत प्रमुखों और जनपद के अधिकारियों की उदासीनता के चलते कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार दो वर्ष पूर्व बस्तर जनपद पंचायत के पल्ली चकवा में आम रास्ते पर पुलिया निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद गड्ढे खोदे गए थे। गड्ढे खोदने के बाद ग्राम पंचायत के कर्ताधर्ता आगे का काम कराना भूल गए। बताते हैं कि पुलिया निर्माण के लिए स्वीकृत पूरी रकम की बंदरबांट कर ली गई है। इसीलिए काम नहीं कराया जा रहा है। पुलिया के लिए खोदे गए गहरे गड्ढे जहां ग्रामीणों के मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं, वहीं ये गड्ढे ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब भी बन गए हैं। पल्ली चकवा के ग्रामीण अन्य गांव व नदी जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं, जहां पर पुलिया बनाने के लिए गहरे गड्ढे खोदकर यूं ही छोड़ दिए गए हैं। गांव में जब भी कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है, तो अस्पताल पहुंचाने और कोई व्यक्ति मर जाता है, तो उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए नदी ले जाने में बड़ी परेशानी हो रही है। बीमारों और शवों को ले जाने में जो मुश्किल पेश आती है, उसे बताते हुए ग्रामीण अपनी किस्मत को कोसने लग जाते हैं। इस मार्ग पर पुलिया निर्माण हेतु खोदे गए गड्ढे से ग्रामवासियों को नदी जाने में बड़ी परेशानी हो रही है। विगत वर्ष के बारिश के मौसम में जब गड्ढों में पानी भर गया था, तब पल्ली चकवा के कई ग्रामीणों के पशुओं के इन गड्ढों में गिरकर घायल होने व मर जाने की भी की जानकारी मिली है।

    तीन लाख रू. की बंदरबांट
    ग्रामीणों का कहना है कि पल्ली चकवा ग्राम पंचायत को जनपद पंचायत निधि से राशि आवंटित की गई थी और इस राशि में से आधी से ज्यादा राशि निकाल भी ली गई है।उसके बावजूद पुलिया का निर्माण के नाम पर सिर्फ गड्ढे ही खोदे जा सके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत ने गड्ढा खोदाई के बाद कार्य स्थल पर गिट्टी व रेत भी डाली थी, किंतु कार्य करने की बजाए निर्माण सामग्री पंचायत द्वारा वहां से उठवा ली गई। निर्माण सामग्री का निजी उपयोग किए जाने की भी चर्चा है। यहां यह बताना जरूरी है कि जनपद पंचायत सदस्य ने 3 लाख रुपए स्वीकृत कराए थे, किंतु उसकी राशि पंचायत प्रतिनिधियों ने मिल बांटकर खा ली है। पंचायत प्रतिनिधियों ने तो राशि की बंदरबांट कर मौज मना ली है, मगर गड्ढे खोदकर ग्रामीणों को मुसीबत में डाल दिया है।