- आदिवासी नेता दीपक बैज को निपटाने के फेर में कांग्रेस को खत्म करने की साजिश
- खुद का वजूद बचाने ले रखे हैं भाजपा से सुपारी
-अर्जुन झा-
जगदलपुर छत्तीसगढ़ के कई कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के संकल्प को मूर्तरूप देने में लगे हुए हैं। इन कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेसमुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए भाजपा से सुपारी ले रखी है। ये लोग एक सर्वमान्य आदिवासी कांग्रेस नेता दीपक बैज को निपटाने के फेर में कांग्रेस को ही निपटाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
अपनी बेदाग छवि, सतत सक्रियता और लोकप्रियता के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर के सांसद दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ के कई स्थापित नेताओं को लोकप्रियता के मामले में मीलों पीछे छोड़ दिया है। सत्ता के भूखे कुछ कांग्रेस नेताओं को दीपक बैज का सियासी कद बढ़ना बुरी तरह खटक रहा है। इसीलिए दीपक बैज का सियासी करियर खत्म करने कथित कांग्रेस नेता तरह तरह के हठकंडे अपना रहे हैं। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी का मोहरा बनने में भी ये नेता जरा भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व के सामने दीपक बैज की गलत छवि प्रस्तुत करने के इरादे से पहले दीपक बैज के गृह संभाग में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादातर सीटों पर हरवा दिया गया। महादेव एप सट्टा, आबकारी घोटाला, कोयला घोटाला, राशन घोटाला जैसे गंभीर आरोपों से घिरे छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं। कई नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। इसलिए बीजेपी की सुपारी लेकर कांग्रेस को हराने और कमजोर करने का षड्यंत्र लगातार जारी है। जानकारी के अनुसार यही षडयंत्रकारी पूर्व मंत्री के बेटे को बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट दिलाने के लिए पूर्व सीएम के सहारे लामबंद हो गए हैं। जानकारी तो यह भी है कि दीपक बैज को कांग्रेस की राजनीति से जुदा करने के लिए उन्हें कांकेर लोकसभा सीट से टिकट दिलाने की की कोशिश की जा रही है, ताकि कांकेर में दीपक बैज पर थोपे गए प्रत्याशी होने का दाग लग जाए और स्वाभाविक रूप से वे आपसी विरोध में घिर जाएं। इसके बाद का हश्र सर्विदित है। दूसरी ओर बस्तर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री के बेटे को टिकिट दिलाने प्रयासरत कांग्रेस के कुछ खिलाड़ी उस पूर्व मंत्री के कर्मो से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्हे केवल अपनी कोठी पर कब्जा बरकरार रखना है। और यही चंद विलासिता के भोग से अभिभूत होकर वे अपनी मातृ संस्था कांग्रेस से भी छल करने पर आतुर हैं। अगर दिल्ली में इनकी चल गई, तो बस्तर संभाग की दोनों लोकसभा सीटों से कांग्रेस को हाथ धोना पड़ जाएगा। इस तथ्य में शक की कोई गुंजाईश नहीं है। इस बात को सियासी बातों से सरोकार रखने वाला हर शख्स अच्छे से जानता है।
‘वाशिंग मशीन’ का सहारा
कांग्रेस और तमाम विपक्षi दलों के नेता भाजपा को वाशिंग मशीन बता कर उस पर कटाक्ष करते हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा वो वाशिंग मशीन है, जिसका दामन थाम लेने के बाद बड़े दाग वाले नेता भी बेदाग हो जाते हैं। क्या अब इसी वाशिंग मशीन के सहारे प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेता अपने दामन पर लगी कालिख को धोने की फिराक में हैं और क्या इसके लिए उन्होंने अपनी मां समान कांग्रेस पार्टी की भी बलि देने की ठान रखी है? यह सवाल आज छत्तीसगढ़ में गूंज रहे हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम, कुछ पूर्व केबिनेट मंत्री और बड़े कांग्रेस नेताओं पर महादेव सट्टा एप, कोयला घोटाला, आबकारी घोटाला, राशन घोटाला के गंभीर आरोपों से घिरे हुए हैं। ये नेता ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं तथा उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। चर्चा है कि आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में भाजपा का वर्चस्व क़ायम करने के लिए बस्तर का रास्ता चुना गया है। बस्तर पूर्णतः आदिवासी बहुल है। बस्तर में मिली जीत को पूरे राज्य में मिली जीत माना जाता है। यही वजह है कि दागी कांग्रेस नेताओं के सहारे कांग्रेस के जिताऊ प्रत्याशियों को किनारे लगाने का बड़ी साजिश रची गई है। इस साजिश में शामिल कांग्रेस नेताओं को दोहरा लाभ नजर आ रहा है। पहला यह कि उनकी आंखों में कांटे की तरह खटक रहे दीपक बैज का सियासी वजूद खत्म हो जाएगा और दूसरा भाजपा में शामिल हुए बिना भी भाजपा की वाशिंग मशीन के सहारे उनके भी दाग धुल जाएंगे।