ग्राम पंचयतों के जागीरदार बने बैठे रहे सचिवों पर आखिरकार गिर ही गई तबादले की गाज

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  • वर्षों से एक ही पंचायत में जमे हुए थे, अब हटाए गए
  • नेता – अफसर के चहेते सचिव का भी तबादला
    -अर्जुन झा-
    बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायतों को अपनी जागीर और गांवों के विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए सरकार से मिलने वाले धन को अपनी खुद की संपत्ति की तरह उपयोग करने वाले ग्राम पंचायतों के जागीरदारों पर आखिरकार तबादले की गाज गिर ही गई। विकासखंड के एक दर्जन से भी पंचायत सचिव हटा दिए गए हैं। इनमें एक ऐसा पंचायत सचिव भी शामिल है, जो क्षेत्र के बड़े कांग्रेस नेता तथा जनपद के आला अफसर का विशेष कृपा पात्र और लाडला है। ऐसे पंचायत सचिवों के तबादले से ग्रामीणों में खुशी की लहर देखी जा रही है।
    बकावंड विकासखंड की की ग्राम पंचायतों को लूट का अड्डा बना लिया गया है। विकासखंड में लगभग 92 ग्राम पंचायतें हैं और अधिकतर पंचायतों में सीधे सचिवों की हुकूमत चलती है। प्रायः सभी गांवों में या तो महिला या फिर आदिवासी सरपंच हैं। इन सरपंचों को सचिवों ने अपना मातहत और फरमाबरदार बना रखा है। वजह है इन महिला एवं आदिवासी सरपंचों का भोलापन। वहीं जो सरपंच थोड़ा बहुत तिकड़मी किस्म के हैं उनसे शातिर सचिवों ने यारी कर ली है। ऐसे तिकड़मी सरपंचों के साथ मिल बांटकर खाने में ही शातिर सचिव अपनी भलाई समझते हैं, मगर इसमें भी सचिव शातिराना हरकत से बाज नहीं आते, खुद खाएंगे 80 और सरपंच को देंगे महज 20। यानि इसमें भी बड़ा घालमेल। सरपंच तो सौ में से बीस पाकर ही खुश हो जाते हैं और फिर सचिव किसी भी दस्तावेज में उनसे हस्ताक्षर करवा लेते हैं। जांच हुई तो फंसना सरपंच को है और सचिव बेचारा एवं बेदाग बन जाएगा। विकासखंड में शायद ही ऐसी कोई ग्राम पंचायत हो, जहां सरकारी धन का बेतहाशा दुरूपयोग न हुआ हो। केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के तहत प्राप्त राशि के साथ ही जिला खनिज निधि न्यास, 15वें वित्त, बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण मद व अन्य मदों की राशि व निर्माण कार्यों की राशि की जमकर लूट मचाई जाती रही है।शाला भवनों, सामुदायिक भवनों, सीसी रोड, नाली, बाजार चबूतरा, मातागुड़ी, देवगुड़ी आदि के निर्माण में गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाते हुए रकम हजम कर ली गई। अनेक पंचायतों में निर्माण कार्यों को अधूरा ही छोड़ दिया गया है, जबकि संबंधित निर्माण कार्यों की पूरी राशि सचिवों द्वारा आहरित की जा चुकी है। ग्रामीण गुणवत्ता विहीन और आधे अधूरे कार्यों का ठीकरा सरपंचों पर फोड़ते रहे हैं।मालामाल हो गए कई सचिव
    जबसे केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तबसे ग्राम विकास और ग्रामीणों को हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय मद से हर पंचायत को करोड़ों रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं राज्य सरकार भी विभिन्न योजनाओं के मदों से करोड़ों रुपयों का आवंटन दे रही है। यह रकम बकावंड विकासखंड की ग्राम पंचायतों के सचिवों और कई सरपंचों के लिए निजी कमाई साबित हो रही है। जो पंचायत सचिव नौकरी लगने के शुरूआती दिनों में खटारा साईकिल से चलते थे, आज महंगी बाईक से चल रहे हैं। उनके घर में दो दो, तीन तीन मोटर साईकिलें खड़ी नजर आती हैं। कुछ पंचायत सचिवों ने तो कार भी खरीद ली है और उनके परिवार की महिलाएं सोने के गहनों से लदी रहती हैं।. सचिव कई एकड़ कृषि जमीन खरीद चुके हैं और आलीशान हवेलियां भी बनवा चुके हैं। वहीं कई सरपंच भी अवैध कमाई से लाल हो गए हैं। दरअसल पूर्व जनपद सीईओ ऐसे भ्रष्ट सचिवों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहे हैं। इसीलिए उनके द्वारा कराए गए गुणवत्ता विहीन कार्यों की शिकायतों को लगातार नजर अंदाज किया जाता रहा है।

    सचिव की कंस्ट्रक्शन कंपनी भी
    सूत्रों के मुताबिक स्थानांतरण की चपेट में एक ऐसा पंचायत सचिव भी आया है, जिसकी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी भी है। कहने को तो यह कंस्ट्रक्शन कंपनी कथित सचिव के परिवार की महिला सदस्य के नाम पर है, मगर उसका संचालन उसी सचिव द्वारा किया जाता है। यह सचिव जिस पंचायत में अब तक पदस्थ रहा है, उस पंचायत के सारे निर्माण कार्यों के ठेके सचिव की ही कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिए जाते रहे हैं। इसके आलावा बकावंड जनपद की अन्य ग्राम पंचायतों के कार्य भी इसी कंपनी को मिलते रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि क्षेत्रीय विधायक की छत्रछाया में यह सचिव सरकारी धन की धांधली करता आ रहा है। वहीं जनपद पंचायत के सीईओ की भी विशेष कृपा दृष्टि इस सचिव पर रही है। अब देखना यह है कि यह सचिव नई पंचायत में किस हद तक गुल खिला पाएंगे?

    इन सचिवों का हुआ तबादला
    बकावंड विकासखंड के 14 पंचायत सचिवों का तबादला जिला पंचायत के सीईओ ने किया है। सभी सचिव दूसरे विकासखंडों में पदस्थ किए गए हैं। प्राप्त सूची के अनुसार पाहुरबेल पंचायत के सचिव हेमंत सेठिया का तबादला दरभा विकासखंड की ग्राम पंचायत कलेपाल -2 में, बकावंड ग्राम पंचायत के सचिव ओंकार गागड़ा का तबादला लोहंडीगुड़ा ब्लॉक की बोदली पंचायत में, करपावंड के सचिव हरिनाथ पटेल का तबादला जगदलपुर ब्लॉक की तिरिया पंचायत में, गुमडेल की सचिव प्रेमलता मौर्य का तबादला बास्तानार की पंचायत मूतनपाल 2 में हुआ है। मालगांव की सचिव दीपिका दास का तबादला लोहंडीगुड़ा की पालम पंचायत में, झार उमरगांव के सचिव उमेश सेठिया का बास्तानार ब्लॉक की कोरंगाली पंचायत में, बेलपुटी के सचिव हर्षनाथ जोशी का तबादला तोकापाल ब्लॉक की पंचायत सिरिसगुड़ा -2 में, कोसमी के सचिव खगेश्वर कश्यप का बास्तानार की सांगवेल पंचायत में, छिनारी के सचिव गंगाधर कश्यप का दरभा ब्लॉक की कांदानार पंचायत में, जैतगिरी के सचिव गिरीच कश्यप का लोहंडीगुड़ा ब्लॉक की सुलेंगा पंचायत में तबादला हुआ है। जनपद पंचायत में संलग्न सचिव कमलोचन कश्यप को जगदलपुर विकासखंड की नागलसर पंचायत में भेजा गया है। इसी तरह सरगीपाल के सचिव रमेश ठाकुर का लोहंडीगुड़ा की एरपुंड पंचायत में, किंजोली के सचिव सुखराम कश्यप को बास्तानार की कापानार पंचायत में और चिउरगांव के सचिव सुंदर चंद्राकर को दरभा ब्लॉक की मुंडागढ़ पंचायत में स्थानंतरित किया गया है।