संयुक्त खदान मजदूर संघ (एटक) द्वारा 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण शताब्दी दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया

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दल्लीराजहरा – संयुक्त खदान मजदूर संघ (एटक) द्वारा दिनांक 31 अक्टुबर 2020 दिन शनिवार को के. एस.एस.एस. सोसायटी आफिस में युनियन का 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण शताब्दी दिवस बड़े ही धुम धाम से मनाया गया। जिसमें राजहरा नगरी के समस्त ट्रेड यूनियन के अलावा पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर जी, नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर जी, की

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उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। एटक युनियन के केन्द्रीय महासचिव कॉ. आर.डी.सी.पी. राव की अध्यक्षता में सभा स्थल पर झण्डा रोहण किया गया। तत्पश्चात सभी अतिथियों को मंचस्थ अतिथि में संयुक्त खदान मजदूर संघ के केन्द्रीय महासचिव कॉ. आर.डी.सी.पी. राव, छ.ग. माइंस श्रमिक संघ के गणेश राम चौधरी, सीटू के अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिमैया, इंटक युनियन के अध्यक्ष तिलक राम मानकर, भिलाई स्टील मजदूर सभा के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनी तथा एस.के.एम.एस.युनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल यादव जी उपस्थित थे।

सर्व प्रथम एटक युनियन के उन महान कातिकारी श्रमिक नेताओं व संस्थापक सदस्यों को याद करते हुए शोक सभा का आयोजन किया गया। स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर युनियन के अध्यक्ष कँवलजीत मान जी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम एटक युनियन के सदस्य हैं। जो कि देश का पहला श्रमिक संगठन है। जिसकी स्थापना वर्ष 1920 में हुई थी और उसके प्रथम अध्यक्ष लाला लातपत राय, थे। देश के महानतम् हस्तियों जैसे

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जवाहर लाल नेहरू, व्ही.व्ही. गिरी, मोतीलाल नेहरु जी मेमनेर, खुदी राम बोस, चितरंजन दास, एम.ए.डांगे, एम.जोशी. जैसे महान नेता संगठन के अनेक पदों पर सुशोभित होते हुए देश के आजादी के पूर्व एटक के नेतृत्व में श्रमिकों ने अपने अधिकारों की लड़ाई के साथ साथ देश की आजादी की लड़ाई के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया। इस सौ वर्षों के इतिहास में देश भर के लाखों लोगों ने श्रमिकों के हक के लिए अपना बलिदान दिया। दल्ली राजहरा के आई.ओ.सी. की खदानों में भी एटक से सम्बद्ध युनियन एस.के.एम.एस. खदानों का पहला ऐसा श्रमिक संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1958 में हुई। एस.के.एम.एस. के नेतृत्व में यहाँ के श्रमिकों के लिए बहुत लम्बी लड़ाई लड़ी गई और उनके अधिकारों को दिलाया गया। ठेका श्रमिकों के मजदूरों का विभागीयकरण कराने का श्रेय भी एस.के.एम.एस. को है। एस.के.एम.एस. ने लगातार संघर्ष करते हुए यहाँ के नियमित व ठेका श्रमिकों के लिए सैकड़ों उपलब्धिया हासिल की जो संघर्ष के माध्यम से हुई है। और आज पर्यन्त यह संघर्ष जारी है। ठेका श्रमिकों के बेहतर वेतन व बेहतर सुविधाओं के लिए एस.के.एम.एस. युनियन आने वाले। समय में संघर्ष के लिए तैयार है।

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कार्यकम के अध्यक्ष कॉ. आर.डी.सीबी. राव ने कहा कि एटक के गठन के तीन मुख्य एजेण्डे थे, जिसमें मजदूरों को वर्ग के रूप में संगठित करना कियाशील करना मजदूरों को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित करना. स्वराज के लिए चल रहे स्वतंत्रता संग्राम में मजदूरों की सकिय भागीदारी बैठाना प्रमुख था। एटक ने अपने संघर्षों के बदौलत औद्योगिक विवाद अधिनियम, रोजगार स्थायी आदेश अधिनियम, न्युनतम मजदूरी अधिनियम, के साथ साथ अनेकों संघर्ष में शामिल हुए। और राजहरा खदान समूह के मेहनतकश मजदूर बहुत ही लडाकू हैं, वैसे यहाँ के मजदूर हक की लड़ाई लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं. और भविष्य में जब भी लड़ाई लड़ने की आवश्यकता होगी, दल्ली राजहरा के मजदूर हमेशा साथ में खड़े रहेंगे।

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कार्यकम में ओम सहारे के द्वारा छत्तीसगढ़ी संगीतमय गीत का कार्यक्रम दिया गया। कार्यक्रम का संचालन संगठन सचिव तोरन लाल साहू एवं आभार प्रदर्शन राजेन्द्र बेहरा ने किया और अंत में सभी अतिथियों को मोमेन्टो एवं श्रीफल भेट कर सम्मान किया गया। साथ में सभी श्रमिकों के लिए मिठाई वितरण के साथ साथ आतिशबाजी भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेश साहू, आर.पी.बरेठ, श्रीनिवास, उमेश पटेल, करपाल, पवन गंगबेर, गौतम बेरा, दानी राम, दानसिंह चन्द्रकार, चिंतबरम राव, प्रदीप राव, त्रिलोकी नाथ, रमेश भगत, रामपाल, ओ.पी. शर्मा, जनबन्धु, सुभाष बघेल, प्रेम देवागंन, हिरेन्द्र साहू,  नरोत्तम सागर, चन्द्रभान, गिरमित सिंह, चन्द्रशेखर, अमरेश सिंह, इन्द्रकुमार, जनार्दन, राधेश्याम साहू, टिकेश कुमार साहू, कुलदीप सिंह, सुन्दर, दिनेश सिंह, मुस्ताक, एम. अंसारी, मल्लू राम, सी.जे.केटी, मनोज परेरा, कमलाकर, दादू लाल सोनवानी, विजय देशमुख, श्याम सुन्दर, बाबू लाल बरमैया, मनालाल पटेल, प्रदीप मिश्रा, अखिलेश मसीह, कनक बनर्जी, धनराज साह, अनिल रजक, शीतल कुमार, रफेल, विनोद विलसन, शिवा. होरेश्वर, सूरज, मोहन, धरमपाल, मूलचंद्र, किशन, जितेन्द्र, आनंद, युवराज, मनोज, विजय, शन्नी, चुन्न, प्रदीप आदि उपस्थित थे।