दल्लीराजहरा – खदान मजदूर संघ संबद्धभारतीय मजदूर संघ के उपमहा सचिव लखन लाल चौधरी ने मुख्य महाप्रबंधक, राजहरा को ठेके में ठेकेदार द्वारा ठेका श्रमिकों के ईपीएफ राशि में हेरफेर कर ईपीएफ की राशि कम जमा करने की शिकायत की है। लखन लाल चौधरी ने बताया कि ठेका श्रमिकों ने यूनियन को शिकायत किया है कि कुछ विशेष ठेकेदारों द्वारा ईपीएफ में गड़बड़ी किया जा रहा है। राजहरा खदान समूह में चल रहे ठेका कार्य में कुछ ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों का ईपीएफ.की राशि में कटौती की जा रही है और उन्हें उनके पूरे वेतन का ईपीएफ ठेकेदार द्वारा जमा नहीं किया जा रहा है। संघ को ऐसी जानकारी मिली है कि राजहरा खदान समूह के कुछ ठेकेदार श्रमिकों को 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर ईपीएफ की राशि नहीं दे रहे है और इसी खदान में बाकी ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों के पूरे वेतन की ईपीएफ की राशि जमा की जा रही है। इसके पूर्व में इस संबंध में कार्मिक विभाग को मौखिक रूप से चर्चा में जानकारी दी गई थी। और आई.डी. में जाने की बात संघ द्वारा कही गई थी, तब आपके विभाग द्वारा इस समस्या का समाधान चर्चा के माध्यम से कर लिये जाने का आश्वासन दिया गया था,किन्तु आज दिनांक तक इस संबंध में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है।
महोदय, एक ही खदान में कार्यरत श्रमिकों के लिए अलग अलग नियम का पालन किया जाना समझ से परे हैं और इससे तो ऐसा प्रतित होता है कि खदान के कुछ विशेष ठेकेदारों को प्रबंधन द्वारा विशेष छूट देकर लाभ पहुँचाया जा रहा है। और श्रमिकों के हकों का खुले आम हनन किया जा रहा है। अगर बी.एस.पी. प्रबंधन ठेका में .ईपीएफ की राशि श्रमिक के पूरे वेतन के अनुरूप डालती है तो वह राशि श्रमिकों को मिलनी चाहिए। किन्तु कुछ विशेष ठेकेदार श्रमिकों का हक मार कर अपनी जेबें भरने में लगे है और प्रबंधन उनकी सहयोगी भूमिका में खड़ा नजर आ रहा है, जो कि काफी खेदजनक है।
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संघ आपसे मांग करता है कि इस मामले की तत्काल जाँच करवा कर श्रमिकों को उनके पूरे वेतन का सी.पी.एफ. की राशि ठेकेदारों से जमा करवाया जाये और अभी तक जिन ठेकेदारों ने 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर ईपीएफ की राशि श्रमिकों के खाते में जमा नहीं किया है उन ठेकेदारों से उक्त राशि की रिकव्हरी किया जाये और श्रमिकों को वापस दिलाया जाये। और ऐसे ठेकेदार जो 15000/- रूपये से अधिक के वेतन पर ईपीएफ की राशि जमा नहीं करते हैं उन्हें सूचीबद्ध कर उन पर कड़ी कार्यवाही की जाये, ताकि भविष्य में गरीब मजदूरों के हकों का हनन करने का साहस कोई न कर सके।
संघ को जानकारी मिली है कि एक खदान का एक भ्रष्ट ठेकेदार जो अपने आप को श्रमिकों का मसिहा बताता है सबसे ज्यादा ठेका श्रमिकों का शोषण उसी के द्वारा संचालित ठेकों में होता है इस भ्रष्ट ठेकेदार द्वारा ठेका श्रमिकों को छुट्टी का पैसा भी नहीं दिया जाता है। ईस लिए संघ ईस पत्र के माध्यम से निवेदन करता है कि जल्द से जल्द खदान के सभी ठेका श्रमिकों को उनके ईपीएफ की राशि का पूरा भुगतान किया जाए और सभी ठेकेदारो के समान नियमावली हो खदान के भ्रष्ट ठेकेदार के लिए विशेष नियम लागू कर फायदा पहुंचाने का कार्य प्रबंधन द्वारा न किया जाए, अन्यथा संघ कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा,शिकायत पत्र की प्रतिलिपी उप महाप्रबंधक (कार्मिक) आई.ओ.सी. राजहरा को भी दी गई है। संघ द्वारा प्रबंधन को इस बात को स्पष्ट किया गया है कि ईपीएफ कटिंग में सीलिंग मान्य नहीं होगा और श्रमिकों के पूरे वेतन पर ईपीएफ कटिंग की जावेगी। अतएव संघ आपसे यह आग्रह करता है कि श्रमिकों के हितार्थ उनके पूरे वेतन पर ईपीएफ कटिंग कराया जावे ताकि पूरे राजहरा खदान समूह में एक ही नियम लागू हो सके।