करपावंड तहसील कार्यालय में दुकान खोलकर बैठे अर्जी नवीस ग्रामीणों से कर रहे हैं बेतहाशा उगाही

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  •  आवेदन और दस्तावेज बनाने के एवज में ग्रामीणों से 500 रुपए तक की वसूली

अर्जुन झा

जगदलपुर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण एवं अंदूरूनी क्षेत्रों में निवासरत आदिवासियों को लाभ दिलाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है ताकि वह भी स्वस्थ और समृद्ध होकर छत्तीसगढ़ के विकास में सहभागी बन सकें। इसी के तहत बस्तर जिले की जनपद पंचायत बकावंड के ग्राम करपावंड को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीणों की आवश्यकता को देखते हुए नई तहसील बनाया गया है।ताकि ग्रामीणों को आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र तथा भूमि से संबंधित अन्य कार्यों के लिए भटकना न पड़े। इस तहसील के निर्माण से ग्रामीणों में काफी हर्ष का माहौल बना हुआ था और सरकार की इस पहल से ग्रामीण खुशी भी जाहिर कर रहे थे। मगर उनकी खुशियां तहसील कार्यालय में अर्जी नवीसी की दुकान खोलकर बैठे एक व्यक्ति ने छीन ली है। यह व्यक्ति छोटे मोटे आवेदन के लिए भी गरीब ग्रामीणों और आदिवासियों से 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की वसूली कर रहा है।और कोई दूसरा दस्तावेज लेखक या अर्जी नवीस न होने के कारण लोग मजबूर होकर उसी अर्जी नवीस से काम करा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होन के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण करपावंड तहसील कार्यालय पहुंचकर आय, जाति, निवास तथा भूमि संबंधित दस्तावेज के लिए आवेदन प्रस्तुत करने में लगे हुए हैं। इस तहसील कार्यालय में अर्जी नवीस तथा दस्तावेज लेखक का पद रिक्त होने के कारण यहां दुकान लगाकर बैठे अर्जी नवीस द्वारा आदिवासी ग्रामीणों की अशिक्षा का लाभ उठाते हुए छोटे-छोटे कामों के लिए 200 से 500 रूपये तक वसूला जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा कम पैसे देने की बात कहने पर काम करने के लिए मना कर दिया जाता है। जिसके कारण आदिवासी ग्रामीणों को मजबूरन अधिक पैसा देकर काम करवाना पड़ रहा है। वहीं इस संबंध में तहसीलदार मंडावी से फोन पर चर्चा करने पर उन्होंने इसकी जानकारी नही होने और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। आपको बता दें कि करपावंड में नया तहसील कार्यालय खुलने से स्टाम्प वेंडर तो है किन्तु अर्जी नवीस एवं दस्तावेज लेखक के पद रिक्त हैं। जिसका फायदा उठाकर दुकान खोले बैठे अर्जी नवीस अनपढ़ आदिवासियों से अवैध उगाही करने में लगे हुए हैं। इस ओर संबंधित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों की स्थिति को देखते हुए उचित कदम उठाना चाहिए। ताकि अवैध उगाही को रोका जा सके।