- एक्सीडेंट की वजह से चलने में असमर्थ हैं कर्मी देवली ठाकुर
- कलेक्टर ने कर्मचारी के घर जाकर दिया पेंशन पीपीओ
अर्जुन झा
जगदलपुर बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. की संवेदनशीलता और सदाशयता का एक और बड़ा उदाहरण सामने आया है। कलेक्टर जैसे ऊंचे ओहदे पर बैठे अधिकारी जहां अपने मातहतों को जरा भी अहमियत नहीं देते, वहीं बस्तर कलेक्टर विजय ऐसे अधिकारियों से जरा अलहदा हैं। वे प्यून जैसे छोटे कर्मचारी को भी वैसा ही महत्व देते हैं, जैसा कि अपने एडीएम को।
कलेक्टर विजय दयाराम के. की भलमनसाहत की बड़ी अच्छी बानगी आज जगदलपुर में देखने को मिली, जब चलने फिरने में असमर्थ एक सेवनिवृत भृत्य के घर पीपीओ देने खुद कलेक्टर विजय पहुंच गए। जुलाई माह में सेवानिवृत हुई श्रीमती देवली ठाकुर के घर पहुंच कर कलेक्टर उन्हें शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया और उनका पीपीओ प्रदान किया। सेवानिवृत श्रीमती ठाकुर कमला नेहरू अनुसूचित जनजाति छात्रावास में भृत्य पद पर कार्यरत थीं। उनका 5 माह पूर्व हुए एक्सीडेंट हो गया था। हादसे के बाद कमर और जांघ में रॉड लगने की वजह देवली ठाकुर चलने में असमर्थ हैं। ऎसी स्थिति में पेंशन प्राधिकार पत्र लेने वे जिला कार्यालय नहीं पहुंच पाई थीं। जब इस बात की जानकारी कलेक्टर को मिली, तो कलेक्टर ने स्वयं उनके घर जाकर उन्हें पीपीओ प्रदान करने की बात कही और सदर वार्ड स्थित देवली ठाकुर के घर पहुंचकर कलेक्टर विजय ने उन्हें पीपीओ प्रदान किया।इससे पूर्व कलेक्टर ने जिला कार्यालय के आस्था कक्ष में आयोजित समारोह में कहा कि शासन की पहल से प्रत्येक माह सेवानिवृत्त हो रहे जिले के शासकीय सेवकों को उनके शासकीय सेवाकाल की समाप्ति के समय ही पीपीओ जारी करने का सार्थक प्रयास विगत 13 महीने से किया जा रहा है। लगातार समय-सीमा की बैठक में समीक्षा और संबंधित विभागों के अधिकारियों को सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करने के बाद अब प्रक्रिया सतत हुई है। इसके लिए कोषालय और कोष, लेखा एवं पेंशन कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।
साथ ही दोनों कार्यालयों द्वारा सेवानिवृत कर्मचारियों का पीपीओ जारी करने की दिशा में उत्साह और सक्षमता के साथ पहल की जा रही है। प्रशासन की कोशिश है कि सेवानिवृत्ति के साथ ही सम्बंधित शासकीय सेवकों को लंबे समय तक शासकीय सेवा के परिश्रम का सभी स्वत्वों का समय पर भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि लम्बी अवधि तक शासकीय सेवा देने के उपरांत सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी-कर्मचारी अपने शासकीय सेवा के अनुभव और सीख का सदुपयोग समाज के लिए करें। सभी शासकीय सेवक नौकरी के दौरान स्वयं के लिए, परिवार और समाज के लिए समय नहीं निकाल पाए होंगे, वे सेवानिवृत्त होने के पश्चात भी सक्रिय रहकर स्वयं एवं परिवार और समाज को समय देवें। अपने दीर्घानुभव का लाभ विशेषकर युवाओं को सीख के रूप में देवें।कलेक्टर ने कहा कि पदीय दायित्व का निर्वहन करते हुए सेवानिवृत्त हो रहे शासकीय सेवकों को सम्मान देने का यह अवसर गौरवान्वित होने का पल है बुजुर्ग साथी हमें आशीर्वाद दें। शासन-प्रशासन ने जिले के सभी विभागों से सेवानिवृत्त होने वाले सेवकों का ज्यादा से ज्यादा पेंशन से संबंधित प्रकरणों का समय पर निराकरण का प्रयास कोषालय और कोष, लेखा पेंशन कार्यालय के द्वारा किया जा रहा है और लगातार अधिक से अधिक पेंशन प्रकरणों में सेवानिवृत्ति के दिन ही पीपीओ जारी करने का कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे शासकीय सेवकों की स्वस्थ और सुखमय जीवन की कामना की। कलेक्टर ने शुक्रवार को जिला कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में माह जुलाई 2024 में सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को पुष्पमाला एवं शाल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। वहीं इन सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को पीपीओ पत्र प्रदान किए।
21 को दिए गए पीपीओ
इस अवसर पर वरिष्ठ कोषालय अधिकारी संजय सोनवानी ने बताया कि जुलाई माह में सेवानिवृत्त 31 शासकीय सेवकों में से 21 को पेंशन प्राधिकार पत्र जारी कर दिए गए हैं। शेष का आवश्यक कार्यवाही के बाद जल्द पीपीओ जारी कर दिया जाएगा। इस अवसर पर कार्यालय संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन से उप संचालक भारती कोर्राम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जीआर सोरी सहित जिला कोषालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी और सेवानिवृत्त शासकीय सेवक मौजूद थे। इस अवसर पर सेवानिवृत्ति हो रहे शासकीय सेवकों ने भी अपने अनुभव को साझा किया और शासन- प्रशासन के द्वारा सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों के लिए सम्मान कार्यक्रम आयोजन को सराहनीय पहल निरूपित करते हुए आभार व्यक्त किया। इस दौरान सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापक लखेश्वर कुदराम ने बस्तर की कला संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु बादल एकेडमी आसना को स्वयंसेवी कलाकार के रूप में निरंतर सेवा देने की मंशा व्यक्त की।