खेल दिवस पर मैदान छीनने आमादा हुआ नगर निगम

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  •  शहर की शान को बचाना छोड़ मिटाने की कोशिश
  • अस्तित्व के लिए लड़ रहा है विवेकानंद स्कूल

अर्जुन झा

जगदलपुर आज खेल दिवस है और चारों और खिलाड़ियों की जय जयकार हो रही है। वहीं नगर निगम जगदलपुर शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित स्कूल में विवेकानंद स्कूल के बच्चों से उनका खेल मैदान छीनने पर आमादा हो गया है। विद्या के इस पवित्र मंदिर के मैदान पर टॉयलेट बनवाकर नगर निगम न जाने क्या संदेश देना चाहता है?

विवेकानंद स्कूल ने देश और राज्य को कई प्रतिभाएं दी है। यह स्कूल पर वैसे भी अतिक्रमणकारियों की नजर पहले से लगी हुई है। स्कूल की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हो गए हैं। स्कूल के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। स्कूल को संकट से उबारना छोड़कर नगर निगम ने स्कूल के मैदान पर सार्वजनिक शौचालय बनवाने का फैसला ले लिया है। इससे पालकों और विद्यार्थियों की भावना आहत हो रही है। स्कूल की प्रिंसिपल मनीषा खत्री ने नगर निगम के इस फैसले पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि इससे पहले स्कूल के पार्क पर अतिक्रमण हो गया था और बच्चों को अपने मनोरंजन की जगह से वंचित होना पड़ा है। अब नगर निगम खेल मैदान को भी छीनने जा रहा है। प्राचार्य ने कहा है कि टॉयलेट निर्माण से खेल मैदान का एक बड़ा हिस्सा छिन जाएगा। वहीं अभिभावक एवं जागरूक नागरिक आनंद झा ने भी स्कूल के मैदान पर टॉयलेट निर्माण का कड़ा विरोध किया है।

आनंद झा ने कहा कि टॉयलेट निर्माण से कैंपस में बाहरी लोगों की आमदरफ्त बढ़ेगी। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी और उनके खेलने का मैदान भी छिन जाएगा। आनंद झा ने कहा है कि पहले से ही विवेकानंद स्कूल अस्तित्व के लिए संघर्षरत है। उसे संरक्षित करना छोड़ नगर निगम उसे पूरी तरह नष्ट करने जा रहा है। यह चिंतनीय है। वर्तमान में इस स्कूल में स्वामी आत्मानंद विद्यालय के तहत हिंदी व अंग्रेजी माध्यम की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इस स्कूल के मैदान पर अब सार्वजनिक मूत्रालय का निर्माण उचित नहीं होगा।