दल्लीराजहरा में पारंपरिक तरीके से गौरा-गौरी स्थापित कर दुसरे दिन विसर्जन किया गया

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दल्लीराजहरा – देश के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली की रात को लक्ष्मी पूजा के बाद गौरा गौरी की मूर्ति बनाई जाती है | गौरा गौरी को पूर्ण रूप से तैयार करने के बाद शादी की रस्म पूरी की जाती है | रात में ही बारात एवं प्रातः शोभा यात्रा निकाल कर गोवर्धन पूजा के दिन बड़े धूमधाम से गाजे बाजे के साथ महिलाएं सिर पर कलश रखकर तालाब में ले जाकर विसर्जन किया जाता है |

दल्लीराजहरा के वार्ड क्र 24 में गौरी-गौरा की पूजा अर्चना धूम-धाम से की गई। साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन गौरी गौरा का विसर्जन किया गया। विसर्जन के पूर्व जगह-जगह लोगों ने पूजा अर्चना की। जिसके बाद गाजे-बाजे के साथ झांकी निकालकर इसका विसर्जन चिखलाकसा तालाब में किया गया। विसर्जन के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

गौरी-गौरा की तैयारी पिछले तीन दिनों से की जा रही थी। रात्रि में भक्तों द्वारा पूजा अर्चना की गई। रविवार को सुबह से विसर्जन की तैयारी शुरू हो गई थी, वार्ड के लोग सुबह से एकत्रित हो गए थे। गौरी-गौरा की प्रतिमा को धूमधाम से बाजे गाजे के साथ तालाब में विसर्जन किया गया।

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