पूरा धान नहीं खरीदने के लिए साजिश कर रही है भाजपा सरकार: सुशील मौर्य

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  •  छुट्टियों में ही गुजर जाएंगे ज्यादातर दिन: मौर्य 

जगदलपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने धान खरीदी को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदने के लिए साजिश रच रही है। विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीदी कम करना चाहती है।

सुशील मौर्य ने कहा है कि इस बार 160 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है। शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन धान खरीदी के लिए मिल रहे हैं। इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार को लगभग साढे तीन लाख मिट्रिक टन की खरीदी प्रति करनी होगी, तब कहीं जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है, उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा है। मौर्य ने कहा कि सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानि 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में किसान का बचा धान बेचने के लिए तारीख दी जा रही है। सरकार ने यह घोषणा की है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को घान बेचे थे, उनके खाते में रकम अब तक नहीं आई है, जो रकम आ रही है वह एकमुश्त मुप्त 3100 रुपए की दर से नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल की दर से राशि दी जा रही है। आनावरी रिपोर्ट गलत बनाई जा रही है। इसी के आधार पर मात्र 9 से 12- 14 क्विंटल तक ही धान खरीदा जा रहा है। किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा है। धान खरीदी केंद्रो में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है। किसान घंटो खड़े रहते हैं।आनलाईन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नही मिल रहा है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने आगे कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करे क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. में की जाए। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी की थी। धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है।

किसान, मिलर सभी त्रस्त: जैन

पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा विष्णुदेव साय सरकार की नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया गया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें। अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी की समस्या आ रही है।पहले मार्कफेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को यानि समितियों व संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रह रहेगा।धान मीलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था, जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है। इस कारण राईस मिलर हड़ताल पर हैं। धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं। इस दौरान मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, उपनेता प्रतिपक्ष राजेश राय, ब्लॉक अध्यक्ष राजेश चौधरी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता निषाद, पार्षद कमलेश पाठक, ललिता राव, सुखराम नाग, ज़ाहिद हुसैन, सायमा अशरफ, अनुराग महतो, शादाब अहमद आदि मौजूद रहे।