हम मुट्ठीभर हैं, लेकिन कुर्सी से उतारने की ताकत भी है हममें

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  • रमन सरकार का दंभ चूर – चूर करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भूपेश सरकार को चैलेंज
  • आंदोलन पर उतर आई हैं कार्यकर्त्ता और सहायिकाओं

बकावंड भले ही हमारे जनप्रतिनिधि हमें मुट्ठीभर बताकर हमारा अपमान करते हैं, लेकिन हमारी हस्ती इतनी बड़ी है कि हम सरकार को सत्ता से बेदखल करने की ताकत रखती हैं। रमन सरकार हमारी ताकत देख चुकी है और अब भूपेश बघेल सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले। ऐसी चुनौती यहां आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार को दी है। ब्लॉक मुख्यालय बकावंड के तहसील कार्यालय के सामने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ बकावंड ब्लॉक स्तर पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर रही हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों में सभी कार्यकर्ताओं को प्राथमिक शालाओं में शिक्षक का दर्जा दिया जाए, आंगनबाड़ी सहायिकाओं को कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों पर शत – प्रतिशत पदोन्नति दी जाए, विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए, सेवानिवृत्ति के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 लाख रु. व सहायिका को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी जाए, मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए, कार्यकर्त्ताओं व सहायिकाओं के लिए समूह बीमा योजना लागू की जाए, प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए, पोषण टैंक और अन्य कार्यों लिए जब तक मोबाइल नेट चार्ज नहीं दिया जाता, तब तक मोबाइल के जरिए ऐसे कार्य करने के लिए दबाव न डाला जाए आदि मांगें शामिल हैं।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि भूपेश बघेल सरकार ने चुनाव के समय जो वादा किया था, उसे पूरा करें तभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रह पाएगी। भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने 4 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह ने कहा था कि मुट्ठीभर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हमारा क्या बिगाड़ लेंगी। तब हमने भाजपा को कुर्सी से उतार दिया था। हममें इतनी ताकत और एकजुटता है कि हम कांग्रेस सरकार को भी उतार सकती हैं। भूपेश बघेल सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तो आगे भूख हड़ताल भी शुरू कर देंगी और धरना प्रदर्शन यूं ही चलता रहेगा।