रेंजर की मिलीभगत से जेसीबी के जरिए उखाड़ कर छुपा दिए गए बेशकीमती सागौन पेड़

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  • निर्माणाधीन स्कूल भवन परिसर में थे ये सागौन पेड़
  • वन विभाग के डिपो में रखवाने से परहेज क्यों?
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर वन मंडल अंतर्गत परिक्षेत्र भोपालपटनम में लगातार सागौन लकड़ी की तस्करी की खबरें सामने आ रही हैं। अब रेंजर की मिलीभगत से ऐसा कारनामा कर दिखाया गया है कि बड़े बड़े जंगल माफिया भी हैरत में पड़ जाएंगे। एक निर्माणाधीन स्कूल भवन की जद में आए सागौन के दर्जनों पेड़ों को जेसीबी मशीन से उखड़वा कर छुपा दिया गया है।अनुमान लगाया जा सकता है कि इसके पीछे रेंजर की मंशा क्या होगी?
    बस्तर संभाग के बीजापुर जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर ग्राम रुद्रारम में एकलव्य विद्यालय हेतु करोड़ों रुपए की लागत से भवन निर्माण कराया जा रहा है। भवन के चारों ओर पहले चारदीवारी बनाई गई है और अंदर स्कूल भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। भवन किनारे जो सागौन पेड़ मौजूद थे, उन्हें जेसीबी मशीन से उखाड़कर 700 मीटर दूर ले जाकर एक बड़े गड्ढे में छुपा दिया गया है। या यूं कहें कि वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा इन बेशकीमती सागौन पेड़ों को ठिकाने लगाकर तस्करी करवाने की योजना बना ली गई है। वैसे इस संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। बता दें कि जिस तरह रेंजर की मिलीभगत से नरोनापल्ली रामपेटा में इमारती पेड़ों की कटाई  धड़ल्ले  से की गई है, वैसी ही अब रुद्रारम में निर्माणाधीन स्कूल भवन के अंदर आने वाले बेशकीमती सागौन पेड़ों को जेसीबी मशीन से उखाड़वाकर छुपाया गया है। ताकि उन्हे तस्करों के हवाले करने में आसानी हो सके। जिम्मेदार अफ़सर जवाब देने से कतरा रहे हैं। पत्रकारों ने रेंजर से बात करने के लिए सैकड़ों बार प्रयास किया, लेकिन रेंजर ने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई। सूत्रों की मानें तो नरोनापल्ली में इमारती पेड़ों की कटाई के लिए रेंजर ने लेनदेन किया है। बीजापुर वन मंडल में एक ही ऐसे वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपालपटनम में हैं, जो पत्रकारों को राजनीतिक धौंस दिखाने का प्रयास करते हैं।

चोर की दाढ़ी में तिनका
रेंजर की सांठगांठ और मिलीभगत से सागौन पेड़ों को जेसीबी मशीन से उखाड़वाकर छुपाए जाने से चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। यदि वन परिक्षेत्र अधिकारी ने विभाग के बड़े अधिकारियों से अनुमति लेकर सागौन पेड़ों की कटाई कराई होती, तो वन काष्ठागार तक सागौन लट्ठों को लाया गया होता। उन्हें छुपाने की आवश्यकता क्यों पड़ी यह तो रेंजर ही बता सकते हैं। वैसे बताया जाता है कि वन परिक्षेत्र भोपालपटनम में जंगल माफिया चांदी काट रहे हैं और रेंजर, डिप्टी रेंजर उनकी मदद से मालामाल हो रहे हैं। भोपालपटनम वन परिक्षेत्र के जंगलों का लगातार सफाया हो रहा है। सागौन समेत उच्च प्रजातियों के पेड़ों की लगातार अंधाधुंध कटाई हो रही है। इन पेड़ों के लट्ठे छत्तीसगढ़ के विभिन्न भागों में पहुंचाए जा रहे हैं। इसके लिए फर्जी टीपी और अन्य दस्तावेज सहज उपलब्ध करा दिए जाते हैं, ताकि लट्ठों और चिरान लकड़ी का आसानी से अन्यत्र परिवहन किया जा सके। बस्तर के मैदानी इलाकों के आरा मशीन संचालकों और फर्नीचर निर्माताओं से भी रेंजर की सांठगांठ की चर्चाएं आम हैं।

अब दूर तलक जाएगी बात
बीजापुर वन मंडल के भोपाल पटनम वन परिक्षेत्र में चल रहे रेंजर के जंगल राज के मसले को अब यह संवाददाता राजधानी तक लेकर जाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप के संज्ञान में सागौन और अन्य प्रजातियों के पेड़ो की कटाई का मसला लाया जाएगा। इस संवाददाता ने वनमंत्री केदार कश्यप से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका मोबइल फोन लगातार कवरेज से बाहर बताता रहा। पता चला है कि मंत्री  कश्यप चुनवी दौरे में दूरस्थ गांवों की ओर निकले हुए थे।वैसे वन मंत्री जल्द ही जगदलपुर आने वाले हैं, तब उनके सामने यह बात रखी जाएगी।