- दिखावे का काम करवा कर निगल गए लाखों रू.
- ग्राम पंचायत कोहकापाल में चल रहा है फर्जीवाड़ा
अर्जुन झा-
बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायतों में सरकारी धन की बंदरबांट किस कदर होती है, इसका एक बड़ा उदाहरण ग्राम पंचायत कोहकापाल में सामने आया है। इस पंचायत में अमृत सरोवर योजना में सरपंच, सचिव और अफसरों ने जमकर मौज की है। काम कुछ कराया नहीं और लाखों रुपए आहरित कर लिए गए हैं।
ग्राम पंचायत कोहकापाल में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब सौंदर्यीकरण के लिए 15वें वित्त आयोग मद से 7 लाख 75 हजार, 231 रुपए स्वीकृत किए गए थे। उसमें से 6 लाख 19 हजार रुपए तालाब सौंदर्यीकरण पर खर्च होना दर्शाया गया है, जबकि सरोवर के नाम पर महज एक छोटा सा डबरे जैसा गड्ढा खुदवा दिया गया और वहां निर्माण कार्य संबंधी सूचना फलक भर लगा दिया गया है। इस कार्य के एवज में किसी सीमांचल नामक व्यक्ति को एक बार 1 लाख 55 हजार रुपए और दूसरी बार 1 लाख 54 हजार रुपए का भुगतान करने का उल्लेख करते हुए राशि निकाली गई है। अमृत सरोवर योजना की आड़ में सरकारी राशि की लूट खुलेआम चली है। लाखों रुपए की लागत से अमृत सरोवर के तहत तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए सरकार लाखों रुपये का बजट दे रही है, लेकिन बस्तर जिले की जनपद पंचायत बकावंड की ग्राम पंचायत कोहकापाल में बिना काम कराए ही पूरी रकम डकार ली गई है। ग्राम प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
ढह गई लाखों की नाली
इसी तरह 3 अगस्त 2023 को कोहकापाल में अंबेडकर चौक से शोभा होटल तक सीमेंट कांक्रिट नाली निर्माण के लिए विधायक निधि से 4 लाख 70 हजार रुपए स्वीकृति हुए थे। भ्रष्टाचार की बुनियाद पर तैयार की गई पौने पांच लाख की यह नाली 15 महीने भी नहीं टिक पाई और धराशायी हो गई। इस पंचायत में किसी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं है। नाली, सीसी रोड निर्माण, 15वें वित्त आयोग मद से नाली की साफ सफाई, सड़क मरम्मत, तालाब की साफ सफाई के नाम से फर्जी तरीका से राशि आहरण कर ली गई है।
वर्सन
कराएंगे जांच
मामला गंभीर है, जांच कराएंगे और सरपंच एवं सचिव के खिलाफ जरूर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-एसएस मंडावी,
सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड