रायपुर – बालोद जिले के दल्लीराजहरा से स्कूल की शिक्षा पूरी करने वाले अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी बनाये गए | बालोद जिले के दल्ली राजहरा में ही उनकी पढ़ाई और परवरिश हुई है। आरपी मंडल के उत्तराधिकारी के तौर पर अमिताभ जैन की ही ताजपोशी होगी। आज उस खबर पर राज्य सरकार ने भी मुहर लगा दी है। वित्त विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है, मंदी और कोरोना संकट के बावजूद जिस तरह से अमिताभ जैन ने राज्य के बजट को नियंत्रित और संतुलित रखा, उसने सीएम को काफी प्रभावित किया।जैन भूपेश सरकार की पहली पसंद के तौर पर इसलिए भी सामने हैं क्योंकि उनमें काम के प्रति लगन काफी अच्छी है। इसके अलावा सौम्य स्वभाव होने के कारण वे सभी को स्वीकार्य हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त के तौर पर काम करते हुए उनका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ तालमेल अच्छा बना हुआ है।

अमिताभ जैन के बारे में जाने विस्तृत जानकारी
1989 बैच के IAS अमिताभ जैन का जन्म छत्तीसगढ़ के दल्ली राजहरा में 21 जून 1965 को हुआ था। मध्यप्रदेश कैडर के अफसर मैकनिकल इंजीनियर से ग्रेजुएट हैं। अमिताभ जैन की पहली पोस्टिंग संयुक्त मध्यप्रदेश के जबलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर लैंड-रेवेन्यू मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी।

1 जून 1990 से वो 1 अगस्त 1991 तक यहां रहे। उनकी दूसरी पोस्टिंग एसडीओ नीमच के रूप में 1 अगस्त 1991 से 1 जुलाई 1993 तक रही। वो उसके बाद वो सरगुजा में प्रोजेक्ट अफसर नियुक्त हुए। उसके बाद वो ग्वालियर में 1 मार्च 1994 से 1 जून 1996 से असिस्टेंट कलेक्टर रहे। बाद में वो ग्वालियर में 1 जून 1996 को सीईओ बनाये गये, जहां वो 1 फरवरी 1997 तक रहे। कलेक्टर के रूप में पहला जिला उन्हें रायगढ़ मिला, रायगढ़ में वो 1 फरवरी 1997 से 1 जून 2000 तक रहे। उसके बाद वो छतरपुर के कलेक्टर 1997 में बने, फिर होशंगाबाद के कलेक्टर बने, लेकिन 1 जून से 2000 से 31 अक्टूबर 2000 तक ही वहां वो रह पाये।

रायपुर जिले के वो दो बार कलेक्टर रहे। रायपुर में उनकी पहली पोस्टिंग 1 नवंबर 2000 को हुई थी, उसके बाद वो 15 दिसंबर 2003 तक यहां कलेक्टर रहे। रायपुर कलेक्टर से वो स्पेशल सिकरेट्री बनाये गये। 21 मार्च 2004 को फिर से रायपुर के कलेक्टर बनाये गये। हालांकि दूसरी पारी उनकी सिर्फ 21 मार्च 2004 से 15 मई 2005 तक की रही।
अमिताभ जैन स्पेशल सिकरेट्री पीडब्ल्यूडी, डायरेक्टर जनसंपर्क, ज्वाइंट सिकरेट्री इंडस्ट्री डेवलपमेंट कारपोरेशन, कमिश्नर जनसंपर्क, सिकरेट्री टेक्सटाइल व कमर्शियल टैक्स की जिम्मेदारी संभाली। 2006 में अमिताभ जैन सेंट्रल डिप्टेशन पर चले गये। जहां लंदन सहित कई जगहों फॉरन ट्रेड में बड़ी जिम्मेदारी संभाली। 2013 में वो वापस छत्तीसगढ़ लौटे और प्रिसपल सिकरेट्री पारलियामेंट्री अफेयर बनाये गये, उसके बाद उन्हें फारेस्ट का पीएस बनाया गया, फिर पीडब्ल्यूडी और जनसंपर्क के प्रिसिपल सिकरेट्री भी रहे। 2018 से एसीएस के रूप में प्रमोट हुए।

छत्तीसगढ़ के चीफ सिकरेट्री को देखें तो अमिताभ जैन के पहले छत्तीसगढ़िया चीफ सिकरेट्री में विवेक ढांढ और अजय सिंह शामिल थे। विवेक ढांढ और अजय सिंह दोनों पूर्व की रमन सरकार के कार्यकालय में चीफ सिकरेट्री बनाया गया था, जबकि अमिताभ जैन को भूपेश बघेल ने चीफ सिकरेट्री बनाया है। अगर सबकुछ ठीक चला तो अमिताभ जैन के नाम चीफ सिकरेट्री के तौर पर नया रिकार्ड दर्ज होगा। बतौर मुख्य सचिव अमिताभ जैन का करियर सबसे लंबा होगा, वो 2025 में रिटायर होंगे।