- संतोष बाफना ने दिया यातायात में हुए बेतहाशा इजाफे का हवाला
जगदलपुर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष बाफना ने पत्र लिखकर धमतरी से जगदलपुर मार्ग की बदली हुई परिस्थितियों का हवाला देकर स्वीकृत फोरलेन सड़क मार्ग को धमतरी से धनपूंजी तक सिक्स लेन में परिवर्तित करने की मांग की है।
बता दें कि धमतरी से जगदलपुर तक फोरलेन सड़क बनाने की मांग को लेकर पूर्व विधायक संतोष बाफना वर्ष 2019 से लगातार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पत्राचार कर रहे थे। वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भी फोरलेन से संबंधित दस्तावेजी पत्राचार कर बस्तर की इस बहुप्रतीक्षित मांग को केंद्रीय स्तर पर उठाने का आग्रह किया था। जिसके पश्चात् हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा बहुप्रतिक्षित धमतरी से जगदलपुर तक फोरलेन की मांग को स्वीकृति प्रदान की गई। श्री बाफना ने अपने पत्र में कहा है कि पत्राचार करने के बीते 5 वर्षों में इस मार्ग की यातायात संबंधी परिस्थितियां पहले की तुलना में अब पूरी तरह से बदल चुकी हैं एवं स्वीकृत फोरलेन सड़क परियोजना को संशोधित कर इसे धमतरी से धनपूंजी तक सिक्सलेन में परिवर्तित करने की ज्यादा आवश्यकता है। क्योंकि 20 हजार से भी अधिक छोटे-बड़े वाहन प्रतिदिन इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जो कि फोर लेन की तुलना से कहीं अधिक हैं। यातायात दबाव अधिक होने की वजह से प्रतिदिन यह मार्ग खून से लाल हो रहा है। रोज घटित होने वाली 3 से 4 दुर्घटनाओं में औसतन 5 से 6 लोगों को अपनी जान इस मार्ग पर प्रतिदिन गंवानी पड़ रही है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है। आप चाहें तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं परिवहन मंत्रालय से भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य के 7 से भी अधिक जिले व सीमावर्ती राज्यों के नजदीकी जिलों के आवागमन की निर्भरता पूरी तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 30 के इसी हिस्से पर टिकी हुई है। यातायात की दृष्टि से बस्तर संभाग के लोगों की यही एकमात्र लाईफ लाइन भी है। इस मार्ग के अलावा बस्तर को प्रदेश की राजधानी रायपुर से जोड़ने के लिए अभी वर्तमान में अन्य कोई विकल्प नहीं है
सिक्सलेन से बस्तर में होगा निवेश
पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कहा है कि बस्तर में एनएमडीसी माईनिंग, एस्सार जैसी बड़ी खनन कंपनियां पूर्व से स्थापित हैं और बहुराष्ट्रीय कंपनी आर्सेलर मित्तल, रूंगटा स्टील, सागर स्टोन, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, निको जायसवाल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने बस्तर में निवेश को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखाई है जबकि टाटा, जिंदल, सारडा स्टील, लायड स्टील जैसी देश- दुनियां की बड़ी कंपनियां बस्तर में निवेश की दौड़ में शामिल हैं। सिक्सलेन जैसी बेहतर कनेक्टिविटी होने से बस्तर में निवेश को आकर्षित करने में और भी सहायक सिद्ध हो सकती है।
परिवहन लागत में आएगी कमी
पूर्व विधायक श्री बाफना ने कहा है कि बस्तर के नगरनार में स्थापित एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र से भी उत्पादन कार्य शुरू हुए दो-ढाई वर्ष हो चुके हैं और निकट भविष्य में संयंत्र के पास ही कई सहायक उद्योगों के प्रारंभ होने की प्रबल संभावनाएं है। एनएमडीसी के इस्पात संयंत्र के साथ बस्तर संभाग में जितनी भी लौह अयस्क व अन्य खनिज की खदानें संचालित हैं वह सभी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 30 से जुड़ी हुई हैं। एवं इस मार्ग से ही प्रतिदिन सैकड़ों-हजारों की संख्या में ट्रकों के माध्यम से एनएमडीसी नगरनार में उत्पादित एचआर कॉयल व बस्तर की खदानों से निकलने वाले लौह अयस्क व अन्य खनिजों का परिवहन होता है। धमतरी से धनपूंजी तक सिक्स लेन सड़क होने से माल व श्रम की आवाजाही सुलभ रूप से स्थानांतरित करने में मदद मिल सकेगी व इसमें लगने वाला समय भी कम होगा, जिससे परिवहन लागत कम होगी और उद्योगों को लाभ होगा।
सुरक्षा के लिहाज से भी जरूरी
संतोष बाफना ने कहा है कि धमतरी से धनपूंजी तक मार्ग को सिक्स लेन में परिवर्तित करना सड़क की सुरक्षा में सुधार कर सकता है जिससे प्रतिदिन इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगाई जा सकती है। एवं बेहतर सड़क सुरक्षा के लिए भी यही केवल एकमात्र उपाय भी है।