तोर किसान, मोर किसान और खालिस्तान…विष्णु के दौरे पर सियासी घमासान

0
447

अर्जुन झा
भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन किया। राजधानी रायपुर में भाजपा के छत्तीसगढ़ सह प्रभारी नितिन नवीन और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित कई पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने धरना दिया तो बस्तर अंचल में पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिशों में जुटे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों और छत्तीसगढ़ के किसानों में जो फर्क बता दिया, उस पर सियासी धमाल मच गया। साय ने दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के तार तथाकथित खालिस्तान से जोड़ दिए। जबकि भाजपा को छत्तीसगढ़ के किसानों का सबसे बड़ा हमदर्द साबित करने की कोशिश भी की। भाजपा बस्तर में पूरी तरह उजड़ चुकी है और विष्णु देव किसान के नाम पर सियासी वीराने में बहार आने का सपना देख रहे हैं।

उनके द्वारा किसान- किसान में भेद किए जाने पर कांग्रेस बिफर पड़ी और उसने विष्णु देव साय के साथ ही पूरी भाजपा पर ही हमला बोल दिया। युवक कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त सचिव बीजापुर जिला प्रभारी और खेल कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष जावेद खान ने कहा है कि देश के किसानों को खालिस्तानी कहकर संबोधित करने वाले छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय अपने बेतुके बयान पर देश से माफी मांगें। छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले साय कितने किसान हितैषी हैं, यह उनके बयान से जाहिर हो गया है। जावेद ने कहा है कि बस्तर संभाग के पांच दिवसीय दौरे पर आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बस्तर दौरे के पहले दिन कांकेर में पत्र वार्ता को संबोधित करते हुए देश के किसानों का अपमान किया है। उन्होंने देश के किसान, जो केंद्र की किसान विरोधी तीन काले कानूनों का विरोध कर रहे हैं और कड़ाके की ठंड में स्वयं की जान की परवाह किए बिना लगातार 2 महीने से डटे हुए हैं और अब तक 60 से ज्यादा किसान इस आन्दोलन को सफल बनाने और इन काले कानूनों को वापस लेने अपनी शहादत दे चुके हैं, उन्हें खालिस्तानी आतंकवादी करार दिया है।

कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ तो छत्तीसगढ़ के किसानों को बरगलाने के लिए विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर तोहमत मढ रहे हैं और स्वयं को किसान हितैषी बताने से पीछे नहीं हट रहे हैं वहीं देश के किसानों को खालिस्तानी कहकर उनका अपमान कर रहे हैं। एक तरफ विष्णु देव साय स्वयं किसान के रूप में अपनी उपज को छत्तीसगढ़ के समर्थन मूल्य में एवं राजीव गांधी न्याय निधि का फायदा उठाते बेच रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश के किसानों को बरगलाने के लिए धान खरीदी केंद्रों में तथाकथित अव्यवस्थायें गिना रहे हैं। भाजपा के शीर्ष नेता एवं स्वयं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ की धान खरीदी नीति के अंतर्गत योजना का लाभ लेते हुए नोट गिन रहे हैं।कांग्रेस नाम गिना रही है कि भाजपा के किस नेता ने कितने की धान बेची। वैसे कांग्रेस पहले भी अंतर की राशि की पहली किश्त के समय भी ऐसी ही सूची जारी कर चुकी है। भाजपा सवाल उठा रही है कि क्या कांग्रेस अपने नेताओं की सूची जारी करने की हिम्मत उठाएगी। इधर कांग्रेस यह सूची जारी करके यह बताना चाहती है कि भाजपा नेता गलत बोल रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार धान नहीं खरीद रही। कांग्रेस साबित करना चाहती है कि जब भाजपा नेताओं की उपज खरीदी गई है तो फिर किसानों की भी खरीदी ही गई है। यहां भाजपा का कहना है कि उसके नेताओं ने किसान के रूप में धान बेचा है। कांग्रेस के नेता भी भाजपा सरकार के समय धान बेचते रहे, बोनस लेटे रहे और आंदोलन करते रहे। सोचा जा सकता है कि इनमें आखिर क्या फर्क है?

जो पहले कांग्रेसी करते थे, वही अब भाजपाई कर रहे हैं। अब यह देखा जाए कि कांग्रेस ने तो बस्तर सहित पूरे राज्य में किसानों सहित हर वर्ग को मोह लिया, लेकिन क्या भाजपा किसानों के बीच दोहरी मानसिकता दिखाकर किसी को भी लुभा पायेगी? भाजपा और कांग्रेस के बीच किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा फर्क यह है कि कांग्रेस जब छत्तीसगढ़ में किसानों के नाम पर राजनीति करती थी तब राज्य और केंद्र में भाजपा ही राज कर रही थी। अब राज्य में भाजपा किसानों के मुद्दे पर सियासत कर रही है तब भी केंद्र में भाजपा की सरकार है। भाजपा के तमाम आरोपों को कांग्रेस भाजपा की केंद्र सरकार के पाले में डाल देती है। केंद्र के तीन कृषि सुधार कानूनों को लेकर कांग्रेस ने पूरे देश में हाय तौबा मचा रखी है। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस इन कानूनों को लेकर भाजपा की सरकार को पानी पी पीकर कोस रही है। इसका असर छत्तीसगढ़ भाजपा की किसान राजनीति पर पड़ रहा है। उसके आंदोलन को जनता और किसानों का समर्थन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय बस्तर में भाजपा को कितना मजबूत कर पाएंगे, इसका अंदाज लगाया जा सकता है।