जशपुर की रहने वाली रुखसाना कुरैशी अपनी बच्ची रिमशा कुरैशी को झटके आने की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराने लेकर आई। ऐसे में उसे गलत तरीके से दवाई चढ़ा दी गई। जिसके चलते बच्ची के पैर में इंफेक्शन हो गया, जिसे देखते हुए बच्ची को जिला अस्पताल से रायपुर के एम्स भेजा गया ।
22 फरवरी को एम्स में मासूम रिम्शा कुरैशी के पैर को शरीर से अलग कर दिया गया। उसके बाद एम्स ने 6 मार्च को बच्ची को डीकेएस अस्पताल रिफर किया। जिसे चार दिन रखने के बाद डीकेएस ने कल तड़के सुबह रिम्शा को जिला अस्पताल कालीबाड़ी भेज दिया। बच्ची की नाजुक हालत देखकर जिला अस्पताल ने हाथ खड़े कर वापस डीकेएस रैफर किया। इस पूरे घटनाक्रम में गरीब मुस्लिम परिवार दर -दर भटकता रहा और सुबह से रात हो खड़ी । बच्ची अचेत हालत में गेट पर पडी रही।ऐसे गंभीर हालत में डीकेएस अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने रिमशा को फिर से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
इसके बाद भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास की पहल की वजह से बच्ची को वापस से डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके लिए गौरीशंकर श्रीवास ने अस्पताल प्रशासन को काफी खरी-खोटी भी सुनाई और अस्पताल में जमकर हंगामा किया। तब जाकर कहीं बच्ची को भर्ती किया गया। मामला अब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रीटी एस सिंह देव तक पहुंच चुका है। फिलहाल वे कोरोना संक्रमित हैं और उनका घर में ही इलाज चल रहा है। उन्होंने घर से ही अपने निजी स्टाफ को अस्पताल भेजकर डीपीएस मिली बच्ची का सही तरीके से इलाज कराने को कहा है। । भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने कहा सरकार प्रदेश में बच्चों के लिये अलग से बजट लाने का प्लान कर रही है और ये हाल है कि राजधानी में एक गरीब मुस्लिम परिवार की बच्ची के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है। प्रदेश में प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह दम तोड़ चुकी है । कोविड काल में विज्ञापन बांटने वाली सरकार ने पूरी तरह नैतिकता खो दिया है।