आईजी को नक्सलियों की दो टूक, मध्यस्थ भेजे,वास्तविकता दिखाएंगे हम, पर्चो में नक्सलियों ने जारी की दो ड्रोन की तस्वीर, मार गिराने का किया दावा, केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर एनआईए को बताया हमले का योजनाकार

0
637

बीजापुर। बस्तर आईजी पी सुंदरराज द्वारा पामेड़ इलाके में ड्रोन से बमबारी के नक्सलियों के आरोपों को सिरे से खारिज किए जाने के चौबीस घंटे के भीतर नक्सलियों ने आईजी के कथन पर पलटवार करते अपने कब्जे में रखे दो डोन की तस्वीर जारी की है। तस्वीरों के जरिए माओवादियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने पुलिस से कहा है कि वे अपनी तरफ कोई मध्यस्थ दल भेजे, जिसे वे घटनास्थल लेकर जाएंगे, जहां बम दागे गए थे। अंग्रेजी और हिंदी दो भाषाओं में माओवादियों की दक्षिण सब जोनल केंद्रीय कमेटी की तरफ से जारी पर्चों में ड्रोन की जारी तस्वीरों पर नक्सलियों का दावा है कि 19 अप्रैल तड़के पीएलजीए के लड़ाको ने आसमान पर मंडरा रहे दो ड्रोन मार गिराए थे, जो उनके कब्जे मे हैं। अंग्रेजी में जारी विज्ञप्ति में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्टीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार, डीजीपी नक्सल आॅपरेशन अशोक जुनेजा, पीएमओ आॅपरेशन नलिन प्रसाद को इस डोन हमले का योजनाकार बताते हुए एनआईए के जरिए इसे कराया बताया गया है। नक्सलियों ने पत्रकारों और लोकतंत्र पर भरोसा रखने वालों से अपील की है कि वे ड्रोन हमले वाले घटना स्थल पर आएं और सच्चाई से अवगत हो। उन्हें हम वो दो डोन दिखाएंगे जिसे हमारे पीएलजीए ने गिराया है।

This image has an empty alt attribute; its file name is MATH1-2.jpg

बाॅक्सः-
पुलिस-नक्सलियों में पर्चा युद्ध
शनिवार 3 अप्रैल को टेकुलगुड़म हमले के बाद से पुलिस-नक्सलियों में पर्चा युद्ध जैसी स्थिति है। नक्सलियों की तरफ से पुलिस बल पर नक्सल उन्मूलन के नाम पर फर्जी गिरफतारी, हत्या, लूटपाट के आरोप पर्चो के जरिए लगाए गए हैं। जबाव में पुलिस के हवाले से नक्सलियों को जबाव दिया गया है। नक्सलियों की तरफ से डोन हमले से संबंधित विज्ञप्ति जारी होने के बाद मचे हड़कंप के बीच बस्तर आईजी ने पुलिस की तरफ से पक्ष रखते आरोपों को निराधार ठहराया था। चौबीस घंटे भी नहीं बीते थे कि आईजी के बयान पर पलटवार करते नक्सलियों ने दो डोन की तस्वीरों के साथ हवाई हमले के आरोपों को फिर से सच ठहराने की कोशिश की है। इधर, पर्चा युद्ध के बीच समाज सेवियों, बुद्धिजीवियों ने बस्तर के वर्तमान हालातों पर चिंता जाहिर की है। उनकी मानें तो बस्तर के वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर नक्सलियों और सरकार के मध्य शांति वार्ता की पहल को नितांत आवश्यक और समय की सर्वोच्च आवश्यकता है।

This image has an empty alt attribute; its file name is DPS-3-1.jpg