छत्तीसगढ़ को कोरोना वैक्सीन अधिक मूल्य पर दिए जाने को लेकर जन स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्र सरकार की निंदा की

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दल्लीराजहरा :- जन स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व युवा नेता श्याम जायसवाल ने करोना वैक्सीन ज्यादा रेट पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को दिये जाने पर केंद्र सरकार की निदा की है। श्याम जायसवाल ने कहा कि आज पूरे देश मे करोना महामारी दिनप्रतिदिन विकराल रूप ले रही ऐसे में केंद्र सरकार को राज्यो की मदद कर देश की जनता को राहत देनी चाहिए परंतु ऐसा बिल्कुल भी नही हो रहा केंद्र सरकार व उनके नेता बंगाल चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में व्यस्त है। हमारे प्रधानमंत्री सिर्फ मन की बात कर रहे जनता के मन की बात नही सुन रहे आम जनता बेहाल है। पर इन लोगो को कोई फर्क नही पड़ रहा श्याम जायसवाल ने आगे कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 मई से 18 साल के ऊपर के लोगो को निःशुल्क टीकाकरण अभियान की शुरुवात कर रही है। जिसके लिये हम छत्तीसगढ़ सरकार का आभार मानते है। परन्तु क्रेंद सरकार द्वारा राज्यो पर वैक्सीन के लिए 4 गुना अधिक दाम वसूलने करने से राज्यो की आर्थिक स्थिति खराब होगी अभी हमारे राज्य में करोना जैसे महामारी से लड़ने वैक्सीन के अलावा वेंटिलेटर बेड ,एम्बुलेंस, अतिरिक्त अस्पताल भवन, सिटी स्किन मशीन, ऑक्सीजन मशीन आदि उपकरणों की अत्याधिक आवश्यकता है।

क्या केंद्र सरकार नही चाहता कि छत्तीसगढ़ में ये सब सुविधा आये। और यहाँ की जनता करोना से जंग जीते जब केंद्र सरकार को एक वैक्सीन 150 रुपये में मिल रहा है। तो हमारे छत्तीसगढ़ को 400 व 600 में क्यों दिया जा रहा छत्तीसगढ़ को भी 150 रुपये में दिये जाने की मांग केंद्र सरकार से श्याम जायसवाल ने की है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 18 से ऊपर वाले लगभग 1.6 करोड़ लोगो को वैक्सीन लगना है। 400/- से 600/- रुपये के हिसाब से लगभग 8 से 10 अरब रुपये छत्तीसगढ़ सरकार को देना पड़ेगा। जबकि 150/- के हिसाब से 2.5 अरब के अंदर ही ये वैक्सीन आ जाती हमारे राज्य का 6 से 8 अरब रुपये बचता जिससे अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को आपूर्ति छत्तीसगढ़ सरकार करती। आखिर केंद्र सरकार ऐसा कैसे कर सकती है। कोई सरकार इतना सवेदनहीन कैसे हो सकता है। श्याम जायसवाल ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुवे केंद्र सरकार से सवाल किया है। कि किसने और कैसे 3 से 4 गुना अधिक रेट निर्धारित करने का अधिकार भारत बायोटेक व सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी को दिया है। क्या इन संस्थानों को टिके के बदले मिलने वालो पैसों में प्रधानमंत्री व केंद्र के मंत्रियों का कमीशन शामिल है..? केंद्रीय नेताओं को जनता को जवाब देना होगा क्योंकि लोकतंत्र में जनता मालिक है। और सरकारे हमारी नौकर है। और नौकरों को मालिक को हिसाब देना ही होगा।

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