संयुक्त खदान मजदूर संघ दल्ली राजहरा के द्वारा दिनांक 21 अप्रैल को बीएसपी प्रबंधन से यह मांग की गई थी कि कोरोना महामारी के संक्रमण से अधिकांश ऐसे कर्मचारियों, जिनका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है उन्हें भिलाई सेक्टर-9 अस्पताल रेफर किया जा रहा है। पर भिलाई जाने पर कई-कई घंटे बेड के लिए इंतजार करना पड़ता है, जिससे उस कर्मचारी की तबियत तुरंत चिकित्सीय सहायता न मिलने से और ज्यादा बिगड़ जाती है. कई कर्मचारी ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड नहीं मिल पाने के कारण अपने प्राण गवां चुके हैं। ऐसी गंभीर परिस्थितियों से कर्मचारियों को जूझते देखा गया है, जो कि असहनीय है। इसलिए प्रबंधन से यह मांग की गई है कि राजहरा नगर के अंदर ही कोविड से संक्रमित कर्मचारियों का उपचार होना चाहिए, जिसमें कि ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड की सुविधा हो। यूनियन के द्वारा प्रबंधन को यह कार्य चालू कराने के लिए सात दिन का समय दिया गया था।
इस मांग को पूरा करने के लिए प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से यूनियन के सचिव कमलजीत सिंह मान द्वारा लगातार चर्चा की जा रही थी।
इसी मांग के संबंध में मुख्य महाप्रबंधक (खदान) लौह अयस्क समूह के द्वारा माइंस के अधिकारियों तथा माइंस की ट्रेड यूनियन के नेताओं तथा राजहरा माइंस हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ मनोज डहरवाल के द्वारा संयुक्त रूप से माइंस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया। फिर सभी लोगों द्वारा संयुक्त रूप से हॉस्पिटल के एक भाग को माइंस के कर्मचारी, जो कोविड-19 संक्रमित हो जाते हैं ऐसे संक्रमित कर्मचारियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड उपलब्ध कराने के लिए सहमति बनी।
बी.एस.पी. माइंस प्रबंधन के द्वारा तत्काल सिविल का कार्य, टार फेलटिंग का कार्य तथा इलेक्ट्रिकल का कार्य प्राथमिकता से चालू कराया गया। किन्तु अभी देखा जा रहा है कि यहां की राजनीतिक पार्टियां हॉस्पिटल में जो कार्य चालू हुआ है उसका यह कहकर श्रेय लेने की होड़ में हैं कि यह कार्य उनके द्वारा करवाया जा रहा है जबकि यह कार्य बीएसपी प्रबंधन माइंस की ट्रेड यूनियनों की मांग पर अपने कर्मचारियों को सुविधा देने के लिए करवा रहा है।